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पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र के बीच अंतर

पल्सर vs. रेडियो खगोलशास्त्र

अत्यधिक चुम्बकीय, बहुत तेज घूर्णन करने वाले न्यूट्रॉन तारे हैं, जो की विद्युतचुम्बकीय विकरण उतपन्न करते हैं। इनका विकरण तभी आभासित होता है जब विकरण पैदा होने की दिशा प्रथ्वी की ओर हो। क्योंकि इनके द्वारा उतपन्न विकरण निश्चित अंतराल के बाद ही पृथ्वी पर आता है (यानी इनका सिग्नल निरंतर ना आकर रुक रुक कर आता है), इसलिए इन्हें प्रकाशस्तंभ प्रभाव देने वाले तारों की संज्ञा भी दी जाती है। चूँकि न्यूट्रॉन तारे बहुत ही घने निकाय होते हैं, उसकी घूर्णन अवधि और इसी तरह उनकी पल्स (धड़कन) के बीच का अंतराल बहुत ही नियमित होता है। कुछ पल्सर की धड़कन की नियमितता सटीक रूप में एक परमाणु घड़ी जैसी होती है। उनके पल्स विस्तार की प्रेक्षित अवधि १.४ मिली सेकण्ड से लेकर ८.५ मिली सेकण्ड है। वेला पल्सर द्वारा उत्पन्न गामा किरणों का आवर्तन . अमेरिका के न्यू मेक्सिको राज्य के रेगिस्तान में लगी रेडियो दूरबीनों की एक शृंखला रेडियो खगोलशास्त्र (Radio astronomy) खगोलशास्त्र की वह शाखा है जिसमें खगोलीय वस्तुओं का अध्ययन रेडियो आवृत्ति (फ़्रीक्वॅन्सी) पर आ रही रेडियो तरंगों के ज़रिये किया जाता है। इसका सबसे पहला प्रयोग १९३० के दशक में कार्ल जैन्सकी (Karl Jansky) नामक अमेरिकी खगोलशास्त्री ने किया था जब उन्होंने आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) से विकिरण (रेडियेशन) आते हुए देखा। उसके बाद तारों, गैलेक्सियों, पल्सरों, क्वेज़ारों और अन्य खगोलीय वस्तुओं का रेडियो खगोलशास्त्र में अध्ययन किया जा चुका है। बिग बैंग सिद्धांत की पुष्ठी भी खगोलीय पार्श्व सूक्ष्मतरंगी विकिरण (कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड रेडियेशन) का अध्ययन करने से की गई है।, Hephaestus Books, Hephaestus Books, 2011, ISBN 978-1-244-89478-5, Sir Francis Graham-Smith, CUP Archive, 1952 रेडियो खगोलशास्त्र में भीमकाय रेडियो एन्टेना के ज़रिये रेडियो तरंगों को पकड़ा जाता है और फिर उनपर अनुसन्धान किया जाता है। इन रेडियो एन्टेनाओं को रेडियो दूरबीन (रेडियो टेलिस्कोप) कहा जाता है। कभी-कभी रेडियो खगोलशास्त्र किसी अकेले एन्टेना से किया जाता है और कभी एक पूरे रेडियो दूरबीनों के गुट का प्रयोग किया जाता है जिसमें इन सबसे मिले रेडियो संकेतों को मिलकर एक ज़्यादा विस्तृत तस्वीर मिल सकती है। क्योंकि रेडियो दूरबीनों का आकार बड़ा होता है इसलिए अक्सर ऐसी दूरबीनों की शृंखलाएँ शहर से दूर रेगिस्तानों और पहाड़ों जैसे बीहड़ इलाकों में मिलती हैं।, Jeff Lashley, Springer, 2010, ISBN 978-1-4419-0882-7 .

पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र के बीच समानता

पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): तारा

तारा

तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .

तारा और पल्सर · तारा और रेडियो खगोलशास्त्र · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र के बीच तुलना

पल्सर 5 संबंध है और रेडियो खगोलशास्त्र 15 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.00% है = 1 / (5 + 15)।

संदर्भ

यह लेख पल्सर और रेडियो खगोलशास्त्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: