परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात के बीच अंतर
परिसंचरण तंत्र vs. रक्ताघात
परिसंचरण तंत्र की खोज 1628 ईसवी में विलियम हार्वे ने किया था। मानव का परिसंचरण तंत्र; यहाँ लाल रंग आक्सीजनयुक्त रक्त का सूचक है तथा नीला रंग आक्सीजनरहित रक्त का सूचक है। परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र (circulatory system) अंगों का वह समुच्चय है जो शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों का यातायात करता है। इससे रोगों से शरीर की रक्षा होती है तथा शरीर का ताप एवं pH स्थिर बना रहता है। अमिनो अम्ल, विद्युत अपघट्य, गैसें, हार्मोन, रक्त कोशिकाएँ तथा नाइट्रोजन के अपशिष्ट उत्पाद आदि परिसंचरण तंत्र द्वारा यातायात किये जाते हैं। केवल रक्त-वितरण नेटवर्क को ही कुछ लोग वाहिका तंत्र मानते हैं जबकि अन्य लोग लसीका तंत्र को भी इसी में सम्मिलित करते हैं। मानव एवं अन्य कशेरुक प्राणियों के परिसंचरण तंत्र, 'बन्द परिसंचरण तंत्र' हैं (इसका मतलब है कि रक्त कभी भी धमनियों, शिराओं, एवं केशिकाओं के जाल से बाहर नहीं जाता)। अकशेरुकों के परिसंचरण तंत्र, 'खुले परिसंचरण तंत्र' हैं। बहुत से तुच्छ (primitive animal) में परिसंचरन तंत्र होता ही नहीं। किन्तु सभी प्राणियों का लसीका तंत्र एक खुला तंत्र होता है। वाहिकातंत्र हृदय, धमनियों तथा शिराओं के समूह का नाम है। धमनियों और शिराओं के बीच केशिकाओं का विस्तृत समूह भी इसी तंत्र का भाग है। इस तंत्र का काम शरीर के प्रत्येक भाग में रुधिर को पहुँचाना है, जिससे उसे पोषण और ऑक्सीजन प्राप्त हो सकें। इस तंत्र का केंद्र हृदय है, जो रुधिर को निरंतर पंप करता रहता है और धमनियाँ वे वाहिकाएँ हैं जिनमें होकर रुधिर अंगों में पहुँचता है तथा केशिकाओं द्वारा वितरित होता है। केशिकाओं के रुधिर से पोषण और ऑक्सीजन ऊतकों में चले जाते हैं और इस पोषण और ऑक्सीजन से विहीन रुधिर को वे शिरा में लौटाकर हृदय में लाती हैं जो उसको फुप्फुस में ऑक्सीजन लेने के लिए भेज देता है। आंत्र से अवशोषित होकर पोषक अवयव भी इस रुधिर में मिल जाते हैं और फिर से इस रुधिर को अंगों में ऑक्सीजन तथा पोषण पहुँचाने के लिए धमनियों द्वारा भेज दिया जाता है। . एम्आरई मस्तिष्क की कोशिकाओं के कार्य में रक्तस्राव या अन्य कारणों से उत्पन्न रक्त की कमी के फलस्वरूप विक्षोभ होने पर रक्ताघात या रक्तमूर्च्छा (Apoplexy) होती है। मस्तिष्क में धमनी काठिन्य के कारण तीव्ररक्तचाप होने पर धमनी की दीवारें कभी-कभी टूट जाती हैं, जिससे रक्तस्राव होने लगता है। इसी को रक्तमूर्च्छा कहते हैं। तीव्र रक्तचाप के अतिरिक्त स्कर्वी (scurvy), फिरंगरोग (syphilis), मस्तिष्क आघात इत्यादि कारणों से भी रक्तमूर्च्छा उत्पन्न होती है। .
परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात के बीच समानता
परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): धमनी।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात लगती में
- यह आम परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात में है क्या
- परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात के बीच समानता
परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात के बीच तुलना
परिसंचरण तंत्र 15 संबंध है और रक्ताघात 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.55% है = 1 / (15 + 7)।
संदर्भ
यह लेख परिसंचरण तंत्र और रक्ताघात के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: