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परमाणु नाभिक और श्रोडिङ्गरके विडाल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

परमाणु नाभिक और श्रोडिङ्गरके विडाल के बीच अंतर

परमाणु नाभिक vs. श्रोडिङ्गरके विडाल

नाभिक, परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। नाभिक, नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनों का आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १/२ होता है। प्रोटॉन इकाई विद्युत आवेशयुक्त होता है जबकि न्यूट्रॉन अनावेशित होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनो न्यूक्लिऑन कहलाते है। नाभिक का व्यास (10−15 मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10−14 मीटर)(युरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A(प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A . श्रोडिंगर विडाल एक अस्ट्रियन भौतिकशास्त्रज्ञ अर्विन श्रोडिंगर द्वारा १९३५ सालमे रचेवाले एक मानसप्रयोग है। श्रेणी:प्रमात्रा यान्त्रिकी.

परमाणु नाभिक और श्रोडिङ्गरके विडाल के बीच समानता

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संदर्भ

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