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पद्म भूषण और शरण रानी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पद्म भूषण और शरण रानी के बीच अंतर

पद्म भूषण vs. शरण रानी

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन . शरण रानी (९ अप्रैल १९२९ - ८ अप्रैल २००८) हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विद्वान और सुप्रसिद्ध सरोद वादक थीं। गुरु शरन रानी प्रथम महिला थीं जिन्होंने सरोद जैसे मर्दाना साज को संपूर्ण ऊँचाई दी। वे प्रथम महिला थीं जो संगीत को लेकर पूरे भूमंडल में घूमीं, विदेश गईं, जिन्हें सरोद के कारण विभिन्न‍ प्रकार के सम्मान मिले और सरोद पर डॉक्टलरेट की उपाधियों से नवाज़ा गया। वे प्रथम महिला थीं जिन्होंडने पंद्रहवीं शताब्दी के बाद बने हुए वाद्य यंत्रों को न केवल संग्रहीत किया बल्कि राष्ट्री य संग्रहालय को दान में दे दिया। उन्होंने यूनेस्को के लिए रिकार्डिग भी की। इसलिए पं॰ नेहरू ने उन्हें 'सांस्कृतिक राजदूत' और पं॰ ओंकार नाथ ठाकुर ने 'सरोद रानी' का खिताब दिया था। दिल्ली में पैदा हुई सरोद साम्राज्ञी ने उस्ताद अलाउद्दीन खां और उस्ताद अली अकबर खां जैसे गुरुओं से सरोद की शिक्षा ग्रहण की थी। वह मैहर सेनिया घराने से ताल्लुक रखती थीं। पद्मभूषण से अलंकृत शरण रानी ने कई रागों की रचना की थी। वाद्य संगीत तथा सरोद वादन के क्षेत्र में वह देश की पहली महिला कलाकार थीं, जिन्होंने अमेरिका तथा ब्रिटेन की संगीत कंपनियों के साथ रिकार्डिंग कीं। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उन्हें ‘भारत की सांस्कृतिक दूत’ कहा करते थे। शरण रानी ने "दि डिवाइन सरोद: इट्स आ॓रिजिन एंटिक्विटी एंड डेवलपमेंट इन इंडिया सिंस बीसी सेकेंड सेंचुरी" किताब लिखी थीं। वे दुर्लभ वाद्यों का संग्रह करती थीं। उन्होंने ‘शरण रानी बाकलीवाल वीथिका’ की स्थापना भी की जिसमें ४५० शास्त्रीय संगीत के वाद्यों को प्रदर्शित किया गया है। संगीत के प्रति समर्पण के कारण उन्हें १९६८ में पद्मश्री, १९७४ में साहित्य कला परिषद, १९८६ में संगीत नाटक अकादमी, २००० में पद्मभूषण व २००४ में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। १९९२ में उन्होंने सरोद के उद्भव, इतिहास व विकास पर किताब भी लिखी। उन्हें सरकार की ओर से ‘राष्ट्रीय कलाकार’, ‘साहित्य कला परिषद पुरस्कार’ और ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। उनकी वीथिका से चार वाद्य लेकर वर्ष १९९८ में डाक टिकट भी जारी किए गए थे। .

पद्म भूषण और शरण रानी के बीच समानता

पद्म भूषण और शरण रानी आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पद्म श्री, २००८, २००९

पद्म श्री

पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है। भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। इसके अग्रभाग पर, "पद्म" और "श्री" शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं। 2010 (आजतक) तक, 2336 व्यक्ति इस पुरस्कार को प्राप्त कर चुके हैं। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

पद्म भूषण और २००९ · शरण रानी और २००९ · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पद्म भूषण और शरण रानी के बीच तुलना

पद्म भूषण 60 संबंध है और शरण रानी 16 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.95% है = 3 / (60 + 16)।

संदर्भ

यह लेख पद्म भूषण और शरण रानी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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