पक्षीविज्ञान और विलुप्तप्राय प्रजातियां
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पक्षीविज्ञान और विलुप्तप्राय प्रजातियां के बीच अंतर
पक्षीविज्ञान vs. विलुप्तप्राय प्रजातियां
पक्षी की आकृति का विधिवत मापन बहुत महत्व रखता है। पक्षीविज्ञान (Ornithology) जीवविज्ञान की एक शाखा है। इसके अंतर्गत पक्षियों की बाह्य और अंतररचना का वर्णन, उनका वर्गीकरण, विस्तार एवं विकास, उनकी दिनचर्या और मानव के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आर्थिक उपयोगिता इत्यादि से संबंधित विषय आते हैं। पक्षियों की दिनचर्या के अंतर्गत उनके आहार-विहार, प्रव्रजन, या एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण, अनुरंजन (courtship), नीड़ निर्माण, मैथुन, प्रजनन, संतान का लालन पालन इत्यादि का वर्णन आता है। आधुनिक फोटोग्राफी द्वारा पक्षियों की दिनचर्याओं के अध्ययन में बड़ी सहायता मिली है। पक्षियों की बोली के फोनोग्राफ रेकार्ड भी अब तैयार कर लिए गए हैं। . भारतीय बाघ अपने प्राकृतिक आवास में वे जीव जो विभिन्न वश्यकता है उन्हें विलुप्तप्राय जीव कहते हैं। यदि इनका संरक्षण नहीं किया गया तो वे लुप्त हो जायेंगे। भारत के कुछ विलुप्त प्राय जन्तु जंगली गधा, एक सींग वाला गैण्डा, तेंदुआ, नीलगिरि के लंगूर, कस्तूरी मृग, सफेद गैण्डा तथा अजगर हैं। श्रेणी:प्राणी विज्ञान.
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संदर्भ
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