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पक्षपात और प्रदर्शन के मूल्यांकन के तरीकों

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पक्षपात और प्रदर्शन के मूल्यांकन के तरीकों के बीच अंतर

पक्षपात vs. प्रदर्शन के मूल्यांकन के तरीकों

पक्षपात (bias) किसी व्यक्ति, संस्थान, प्रकाशन या संगठन के दृष्टिकोण के ऐसे रुझान को कहते हैं जिसमें किसी विषय को लेकर अधूरा परिप्रेक्ष्य रखा जाये या प्रस्तुत करा जाये और अन्य दृष्टिकोणों की सम्भावनाओं या उपयुक्तता से बिना उचित आधार के इनकार करा जाये। अक्सर पक्षपाती व्यवहार किसी सांस्कृतिक वातावरण में सीखा जाता है। व्यक्तियों में किसी अन्य व्यक्ति, जातीय समूह, राष्ट्र, धर्म, समाजिक वर्ग, राजनैतिक दल, अवधारणा, लिंग, समाजिक व्यवस्था, विचारधारा या जीववैज्ञानिक जाति के समर्थन में या उसके विरुद्ध पक्षपात विकसित हो सकता है। पक्षपात कई रूपों में प्रकट होता है। विज्ञान और अभियांत्रिकी में पक्षपात एक व्यवस्थित त्रुटिओं (systematic errors) का स्रोत होता है। उदाहरण के लिये मानव अक्सर किसी परिघटना को समझने के लिये उसमें अक्सर कोई व्यवस्थित चीज़ या पैटर्न ढूंढते हैं और उसकी अनुपस्थिति में भी उन्हें ऐसी व्यवस्था प्रतीत हो सकती है, क्योंकि मानवीय सोच में किसी परिघटना के निरर्थक होने के विरुद्ध पक्षपात निहित है। . प्रदर्शन मूल्यांकन प्रदर्शन मूल्यांकन के बहुत से तरीके आविष्कारित है। प्रत्येक तरीका किसी न किसी संस्था के कोई न कोई उद्देश्य के लिए प्रभावी है। यह तरीके कोई भी संस्था या कर्मचारी के ज़रूरत के आधार पर खारिज या स्वीकार किये जाने चाहिए। प्रदर्शन मूल्यांकन के तरीको को दो श्रेणियो मे बाँटा गया है-.

पक्षपात और प्रदर्शन के मूल्यांकन के तरीकों के बीच समानता

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संदर्भ

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