न्यूरॉन और बार्बीचुरेट्स
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न्यूरॉन और बार्बीचुरेट्स के बीच अंतर
न्यूरॉन vs. बार्बीचुरेट्स
तंत्रिका कोशिकाओं तंत्रिकोशिका या तंत्रिका कोशिका (अंग्रेज़ी:न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका है। इस कोशिका का कार्य मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना है।। हिन्दुस्तान लाइव। १ फ़रवरी २०१० यह कार्य एक विद्युत-रासायनिक संकेत के द्वारा होता है। तंत्रिका कोशिका तंत्रिका तंत्र के प्रमुख भाग होते हैं जिसमें मस्तिष्क, मेरु रज्जु और पेरीफेरल गैंगिला होते हैं। कई तरह के विशिष्ट तंत्रिका कोशिका होते हैं जिसमें सेंसरी तंत्रिका कोशिका, अंतरतंत्रिका कोशिका और गतिजनक तंत्रिका कोशिका होते हैं। किसी चीज के स्पर्श छूने, ध्वनि या प्रकाश के होने पर ये तंत्रिका कोशिका ही प्रतिक्रिया करते हैं और यह अपने संकेत मेरु रज्जु और मस्तिष्क को भेजते हैं। मोटर तंत्रिका कोशिका मस्तिष्क और मेरु रज्जु से संकेत ग्रहण करते हैं। मांसपेशियों की सिकुड़न और ग्रंथियां इससे प्रभावित होती है। एक सामान्य और साधारण तंत्रिका कोशिका में एक कोशिका यानि सोमा, डेंड्राइट और कार्रवाई होते हैं। तंत्रिका कोशिका का मुख्य हिस्सा सोमा होता है। तंत्रिका कोशिका को उसकी संरचना के आधार पर भी विभाजित किया जाता है। यह एकध्रुवी, द्विध्रुवी और बहुध्रुवी (क्रमशः एकध्रुवीय, द्विध्रुवीय और बहुध्रुवीय) होते हैं। तंत्रिका कोशिका में कोशिकीय विभाजन नहीं होता है जिससे इसके नष्ट होने पर दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। किन्तु इसे स्टेम कोशिका के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा भी देखा गया है कि अस्थिकणिका को तंत्रिका कोशिका में बदला जा सकता है। तंत्रिका कोशिका शब्द का पहली बार प्रयोग जर्मन शरीर विज्ञानशास्त्री हेनरिक विलहेल्म वॉल्डेयर ने किया था। २०वीं शताब्दी में पहली बार तंत्रिका कोशिका प्रकाश में आई जब सेंटिगयो रेमन केजल ने बताया कि यह तंत्रिका तंत्र की प्राथमिक प्रकार्य इकाई होती है। केजल ने प्रस्ताव दिया था कि तंत्रिका कोशिका अलग कोशिकाएं होती हैं जो कि विशिष्ट जंक्शन के द्वारा एक दूसरे से संचार करती है। तंत्रिका कोशिका की संरचना का अध्ययन करने के लिए केजल ने कैमिलो गोल्गी द्वारा बनाए गए सिल्वर स्टेनिंग तरीके का प्रयोग किया। मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका की संख्या प्रजातियों के आधार पर अलग होती है। एक आकलन के मुताबिक मानव मस्तिष्क में १०० अरब तंत्रिका कोशिका होते हैं। टोरंटो विश्वविद्यालय में हुए अनुसंधान में एक ऐसे प्रोभूजिन की पहचान हुई है जिसकी मस्तिष्क में तंत्रिकाओं के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रोभूजिन की सहायता से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को और समझना भी सरल होगा व अल्जामरर्स जैसे रोगों के कारण भी खोजे जा सकेंगे। एसआर-१०० नामक यह प्रोभूजिन केशरूकीय क्षेत्र में पाया जाता है साथ ही यह तंत्रिका तंत्र का निर्माण करने वाले जीन को नियंत्रित करता है। एक अमरीकी जरनल सैल (कोशिका) में प्रकाशित बयान के अनुसार स्तनधारियों के मस्तिष्क में विभिन्न जीनों द्वारा तैयार किए गए आनुवांशिक संदेशों के वाहन को नियंत्रित करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य ऐसे जीन की खोज करना था जो मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका के निर्माण को नियंत्रित करते हैं। ऎसे में तंत्रिका कोशिका के निर्माण में इस प्रोभूजिन की महत्त्वपूर्ण भूमिका की खोज तंत्रिका कोशिका के विकास में होने वाली कई अपसामान्यताओं से बचा सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका निर्माण के समय कुछ गलत संदेशों वाहन से तंत्रिका कोशिका का निर्माण प्रभावित होता है। तंत्रिका कोशिका का विकृत होना अल्जाइमर्स जैसी बीमारियों के कारण भी होता है। इस प्रोभूजिन की खोज के बाद इस दिशा में निदान की संभावनाएं उत्पन्न हो गई हैं। . बार्बीचुरेट्स (बार्बिट्यूरेट) वह नारकोटिक औषधियां हैं जो केंद्रीय तंत्रिकातंत्र पर हावी होते हैं। यह व्यक्ति की थकावट दूर करने में उपयोगी है, मानसिक तनाव दूर करता है और नींद के लिए उपयोगी होते है। कुछ बार्बीचुरेट्स का उपयोग डाक्टर पागलपन के इलाज़ में और बेहोशी के लिए भी करते है। बार्बीचुरेट्स सफेद रंग का पाउडर है जो की विभिन्न आकर में पाया जाता है और भिन्न-भिन्न प्रकार के रंगों में भी उपलब्ध होता है। बार्बीचुरेट्स गोलियों, कैप्सूल एवम इंजेक्शन के रूप में प्रयुक्त होते है। यह बार्बीचुरेट्स वह नारकोटिक्स ड्रग्स है जो इंसान को अपना आदी बना लेता है और इंसान मानसिक रूप से और आत्म बल से इसपर निर्भर हो जाता है। बार्बीचुरेट्स बहुत से प्रकार के होते है जैसे कि: एमोबार्बिटल, बार्बिटल, पेंटोबार्बिटल, फीनोबार्बिटल, सेकोबार्बिटल आदि। सबसे ज्यादा मात्रा में यह ड्रग चिंता में डूबे और निद्रा से व्याकुल लोग इस्तेमाल करते है। इस अवस्था में इन ड्रग्स का उपयोग करने से व्यक्ति को राहत मिलती है और ज्यादा मात्र में इसको ग्रहण करने से इसकी लत लग जाती है, जो कि इंसान की सेहत के लिए हानिकारक होता है। यह बार्बीचुरेट्स आमतौर पर डाउनर्स, स्लीपर्स, बार्ब्स, स्लीपिंग पिल्स, कैंडी आदि के नाम से प्रचलित है और यह नारकोटिक्स ड्रग्स बहुत ही आराम से मिलने वाले ड्रग्स में से है। ज्यादा मात्रा या फिर अक्सर बार्बीचुरेट्स को ग्रहण करने से व्यक्ति के शरीर की सहनशीलता ख़त्म हो जाती है और यह औषधि उसके लिए हानिकारक हो जाती है। ज्यादा उम्र के लोगों और गर्भवती महिलओं के लिए यह औषधि ज़हर का काम करती है और इसका सेवन करने से उन्हें नुक्सान भी होता है। .
न्यूरॉन और बार्बीचुरेट्स के बीच समानता
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संदर्भ
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