हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

नीबू और बृहदांत्र कैन्सर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नीबू और बृहदांत्र कैन्सर के बीच अंतर

नीबू vs. बृहदांत्र कैन्सर

नीबू का वृक्ष नीबू (Citrus limon, Linn.) छोटा पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधा है। इसकी शाखाएँ काँटेदार, पत्तियाँ छोटी, डंठल पतला तथा पत्तीदार होता है। फूल की कली छोटी और मामूली रंगीन या बिल्कुल सफेद होती है। प्रारूपिक (टिपिकल) नीबू गोल या अंडाकार होता है। छिलका पतला होता है, जो गूदे से भली भाँति चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या हरापन लिए हुए होता है। गूदा पांडुर हरा, अम्लीय तथा सुगंधित होता है। कोष रसयुक्त, सुंदर एवं चमकदार होते हैं। नीबू अधिकांशत: उष्णदेशीय भागों में पाया जाता है। इसका आदिस्थान संभवत: भारत ही है। यह हिमालय की उष्ण घाटियों में जंगली रूप में उगता हुआ पाया जाता है तथा मैदानों में समुद्रतट से 4,000 फुट की ऊँचाई तक पैदा होता है। इसकी कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरणार्थ फ्लोरिडा रफ़, करना या खट्टा नीबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके उत्पादन के स्थान मद्रास, बंबई, बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तर प्रदेश, मैसूर तथा बड़ौदा हैं। नीबू की उपयोगिता जीवन में बहुत अधिक है। इसका प्रयोग अधिकतर भोज्य पदार्थों में किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के पदार्थ, जैसे तेल, पेक्टिन, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) आदि तैयार किए जाते हैं। . कोलोरेक्टल कैंसर में जिसे बृहदांत्र कैंसर या बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है, बृहदांत्र, मलाशय या उपांत्र में कैंसर का विकास शामिल होता है। इससे दुनिया भर में प्रतिवर्ष 655,000 मौतें होती हैं, संयुक्त राज्य में कैंसर का यह चौथा सबसे सामान्य प्रकार है और पश्चिमी दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है। कोलोरेक्टल कैंसर, बृहदांत्र में एडिनोमेटस पौलिप से पैदा होता है। मशरूम के आकार की ये वृद्धि आमतौर पर सामान्य होती है, पर समय बीतते-बीतते इनमे से कुछ कैंसर में बदल जाती हैं। स्थानीयकृत बृहदान्त्र कैंसर का आमतौर पर बृहदांत्रोस्कोपी के माध्यम से निदान किया जाता है। तेजी से बढ़ने वाले वे कैंसर जो बृहदांत्र की दीवार तक सीमित रहते हैं (TNM चरण I और II), सर्जरी द्वारा ठीक किये जा सकते हैं। यदि इस चरण में चिकित्सा नहीं हुई तो वे स्थानीय लिम्फ नोड तक फ़ैल जाते हैं (चरण III), जहां 73% को सर्जरी और कीमोथिरेपी द्वारा ठीक किया जा सकता है। दूरवर्ती अंगो को प्रभावित करने वाला मेटास्टैटिक कैंसर (चरण IV) का इलाज सामान्यतया संभव नहीं है, हालांकि कीमोथेरेपी जिन्दगी बढ़ा देती है और कुछ बेहद बिरले उदाहरणों में सर्जरी और कीमोथिरेपी दोनों से रोगियो को ठीक होते देखा गया है। रेक्टल कैंसर में रेडिऐशन का इस्तेमाल किया जाता है। कोशिकीय और आणविक स्तर पर, कोलोरेक्टल कैंसर Wnt सिग्नलिंग पाथवे में परिवर्तन के साथ शुरू होता है। जब Wnt (डब्लूएनटी) एक ग्राही को कोशिका पर बांध देता है तो इससे आणवीय घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो जाती है। इस श्रृंखला का अंत β- कैटेनिन के केन्द्रक में जाने और DNA पर जीन को सक्रिय करने में होता है। कोलोरेक्टल कैंसर में इस श्रृंखला के साथ जीन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। प्रायः APC नाम का जीन जो Wnt पाथवे में "अवरोध" होता है, क्षतिग्रस्त हो जाता है। बिना क्रियाशील APC ब्रेक के Wnt पाथवे "चालू" स्थिति में अटक जाता है। .

नीबू और बृहदांत्र कैन्सर के बीच समानता

नीबू और बृहदांत्र कैन्सर आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रोटीन, सेलेनियम

प्रोटीन

रुधिरवर्णिका(हीमोग्लोबिन) की संरचना- प्रोटीन की दोनो उपइकाईयों को लाल एंव नीले रंग से तथा लौह भाग को हरे रंग से दिखाया गया है। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा १०,००० से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। जन्तुओं के शरीर के लिए कुछ आवश्यक प्रोटीन एन्जाइम, हार्मोन, ढोने वाला प्रोटीन, सिकुड़ने वाला प्रोटीन, संरचनात्मक प्रोटीन एवं सुरक्षात्मक प्रोटीन हैं। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है। आवश्यकतानुसार इससे ऊर्जा भी मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन के प्रजारण से शरीर को ४.१ कैलीरी ऊष्मा प्राप्त होती है। प्रोटीन द्वारा ही प्रतिजैविक (एन्टीबॉडीज़) का निर्माण होता है जिससे शरीर प्रतिरक्षा होती है। जे.

नीबू और प्रोटीन · प्रोटीन और बृहदांत्र कैन्सर · और देखें »

सेलेनियम

सेलेनियम (Selenium, संकेत Se) एक रासायनिक तत्त्व है जिसका परमाणु क्रमांक ३४ है। प्रकृति में यह अपने तत्त्व रूप में बहुत कम पाया जाता है। इसकी खोज १८१७ में बर्जीलियस ने किया था। .

नीबू और सेलेनियम · बृहदांत्र कैन्सर और सेलेनियम · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

नीबू और बृहदांत्र कैन्सर के बीच तुलना

नीबू 55 संबंध है और बृहदांत्र कैन्सर 39 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.13% है = 2 / (55 + 39)।

संदर्भ

यह लेख नीबू और बृहदांत्र कैन्सर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: