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नारीवाद और लेस्बियन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नारीवाद और लेस्बियन के बीच अंतर

नारीवाद vs. लेस्बियन

नारीवाद राजनैतिक आंदोलन का एक सामाजिक सिद्धांत है जो स्त्रियों के अनुभवों से जनित है। हालाकि मूल रूप से यह सामाजिक संबंधो से अनुप्रेरित है लेकिन कई स्त्रीवादी विद्वान का मुख्य जोर लैंगिक असमानता और औरतों के अधिकार इत्यादि पर ज्यादा बल देते हैं। नारीवादी सिद्धांतो का उद्देश्य लैंगिक असमानता की प्रकृति एवं कारणों को समझना तथा इसके फलस्वरूप पैदा होने वाले लैंगिक भेदभाव की राजनीति और शक्ति संतुलन के सिद्धांतो पर इसके असर की व्याख्या करना है। स्त्री विमर्श संबंधी राजनैतिक प्रचारों का जोर प्रजनन संबंधी अधिकार, घरेलू हिंसा, मातृत्व अवकाश, समान वेतन संबंधी अधिकार, यौन उत्पीड़न, भेदभाव एवं यौन हिंसापर रहता है। स्त्रीवादी विमर्श संबंधी आदर्श का मूल कथ्य यही रहता है कि कानूनी अधिकारों का आधार लिंग न बने। आधुनिक स्त्रीवादी विमर्श की मुख्य आलोचना हमेशा से यही रही है कि इसके सिद्धांत एवं दर्शन मुख्य रूप से पश्चिमी मूल्यों एवं दर्शन पर आधारित रहे हैं। हालाकि जमीनी स्तर पर स्त्रीवादी विमर्श हर देश एवं भौगोलिक सीमाओं मे अपने स्त्र पर सक्रिय रहती हैं और हर क्षेत्र के स्त्रीवादी विमर्श की अपनी खास समस्याएँ होती हैं। . लेस्बियन शब्द को महिलाओं के बीच यौन और रूमानी आकर्षण का वर्णन करने के लिए अंग्रेज़ी भाषा में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसे संज्ञा की तरह उस महिला को सम्बोधित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है जो दूसरी महिला की तरफ़ आकर्षित होती है। महिला समलैंगिक आकर्षण से संबंधित किसी वस्तु या गतिविधि का वर्णन करने के लिए इसे विशेषण की तरह भी उपयोग में लाया जाता है। .

नारीवाद और लेस्बियन के बीच समानता

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नारीवाद और लेस्बियन के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख नारीवाद और लेस्बियन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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