हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित के बीच अंतर

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) vs. शान्तरक्षित

नागार्जुन (बौद्धदर्शन) शून्यवाद के प्रतिष्ठापक तथा माध्यमिक मत के पुरस्कारक प्रख्यात बौद्ध आचार्य थे। युवान् च्वाङू के यात्राविवरण से पता चलता है कि ये महाकौशल के अंतर्गत विदर्भ देश (आधुनिक बरार) में उत्पन्न हुए थे। आंध्रभृत्य कुल के किसी शालिवाहन नरेश के राज्यकाल में इनके आविर्भाव का संकेत चीनी ग्रंथों में उपलब्ध होता है। इस नरेश के व्यक्तित्व के विषय में विद्वानों में ऐकमत्य नहीं हैं। 401 ईसवी में कुमारजीव ने नागार्जुन की संस्कृत भाषा में रचित जीवनी का चीनी भाषा में अनुवाद किया। फलत: इनका आविर्भावकाल इससे पूर्ववर्ती होना सिद्ध होता है। उक्त शालिवाहन नरेश को विद्वानों का बहुमत राजा गौतमीपुत्र यज्ञश्री (166 ई. 196 ई.) से भिन्न नहीं मानता। नागार्जुन ने इस शासक के पास जो उपदेशमय पत्र लिखा था, वह तिब्बती तथा चीनी अनुवाद में आज भी उपलब्ध है। इस पत्र में नामत: निर्दिष्ट न होने पर भी राजा यज्ञश्री नागार्जुन को समसामयिक शासक माना जाता है। बौद्ध धर्म की शिक्षा से संवलित यह पत्र साहित्यिक दृष्टि से बड़ा ही रोचक, आकर्षक तथा मनोरम है। इस पत्र का नाम था - "आर्य नागार्जुन बोधिसत्व सुहृल्लेख"। नागार्जुन के नाम के आगे पीछे आर्य और बोधिसत्व की उपाधि बौद्ध जगत् में इनके आदर सत्कार तथा श्रद्धा विश्वास की पर्याप्त सूचिका है। इन्होंने दक्षिण के प्रख्यात तांत्रिक केंद्र श्रीपर्वत की गुहा में निवास कर कठिन तपस्या में अपना जीवन व्यतीत किया था। . शान्तरक्षित (७२५-७८८)stanford.edu: ८वीं सदी के भारतीय बौद्ध ब्राह्मण तथा नालन्दा के मठाधीश थे। शान्तिरक्षित ने योगाचार-स्वतान्त्रिक-माध्यमिक दर्शन का प्रवर्तन किया जिससे नागार्जुन के मध्यमक सम्प्रदाय, असंग के योगाचार सम्प्रदाय तथा धर्मकीरि के सिद्धान्तों का एकीकरण किया। उन्होने तिब्बत में बौद्ध धर्म तथा सर्वस्तिवादिन परम्परा का भी श्रीगणेश किया। मध्यमकालंकार उनकी ही रचना कही जाती है। ये माध्यमिक मत के प्रमुख आचार्यों के रूप में विख्यात थे । तिब्बतीय तत्कालीन राजा के निमन्त्रण पर ये वहाँ पहुँच थे । 749 ई॰ में इन्होंने सम्मेलन नामक विहार की यहाँ स्थापना की । यह तिब्बत का सर्वप्रथम बौद्ध विहार है । इस विहार में इन्होंने 13 वर्ष तक निवास किया । अन्ततः यहाँ ही इन्होंने 762 ई॰ में निर्वाण प्राप्त किया । इनका केवल एक ग्रन्थ ही उपलब्ध है और वह है तत्त्वसंग्रह । शान्तरक्षित .

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित के बीच समानता

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और बौद्ध धर्म · बौद्ध धर्म और शान्तरक्षित · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित के बीच तुलना

नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) 12 संबंध है और शान्तरक्षित 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 1 / (12 + 7)।

संदर्भ

यह लेख नागार्जुन (प्राचीन दार्शनिक) और शान्तरक्षित के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: