नाइट्रिक अम्ल और लवण के बीच समानता
नाइट्रिक अम्ल और लवण आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धातु, पोटैशियम नाइट्रेट, गन्धकाम्ल।
धातु
'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .
धातु और नाइट्रिक अम्ल · धातु और लवण ·
पोटैशियम नाइट्रेट
पोटैशियम नाइट्रेट (Potassium nitrate) एक रासायनिक यौगिक है। इसका अणसूत्र KNO3 है। यह एक आयनिक लवण है। पोटैशियम नाइट्रेट 'शोरा' (niter) नामक खनिज के रूप मिलता है और नाइट्रोजन का प्राकृतिक ठोस स्रोत है। नाइट्रोजन से युक्त बहुत से यौगिकों को सामूहिक रूप से 'शोरा' (saltpeter या saltpetre) कहते हैं; पोटैशियम नाइट्रेट उनमें से एक है। पोटैशियम नाइट्रेट का उपयोग मुख्यतः उर्वरक, रॉकेट के नोदक (प्रोपेलेंट), तथा पटाखों (fireworks) में होता है। पोटैशियम नाइट्रेट, बारूद के तीन घटकों में से एक है। मध्ययुग से ही इसे खाद्य संरक्षण के लिए उपयोग किया जाता रहा है। श्रेणी:रासायनिक यौगिक श्रेणी:पोटैशियम यौगिक श्रेणी:नाइट्रेट श्रेणी:लवण श्रेणी:ऑक्सीकारक श्रेणी:संरक्षक.
नाइट्रिक अम्ल और पोटैशियम नाइट्रेट · पोटैशियम नाइट्रेट और लवण ·
गन्धकाम्ल
गन्धकाम्ल (सल्फ्युरिक एसिड) एक तीव्र अकार्बनिक अम्ल है। प्राय: सभी आधुनिक उद्योगों में गन्धकाम्ल अत्यावश्यक होता है। अत: ऐसा माना जाता है कि किसी देश द्वारा गन्धकाम्ल का उपभोग उस देश के औद्योगीकरण का सूचक है। गन्धकाम्ल के विपुल उपभोगवाले देश अधिक समृद्ध माने जाते हैं। शुद्ध गन्धकाम्ल रंगहीन, गंधहीन, तेल जैसा भारी तरल पदार्थ है जो जल में हर परिमाण में विलेय है। इसका उपयोग प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा अनेक रासायनिक उद्योगों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों के संश्लेषण में होता है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने के लिए सम्पर्क विधि का प्रयोग किया जाता है जिसमें गन्धक को वायु की उपस्थिति में जलाकर विभिन्न प्रतिकारकों से क्रिया कराई जाती है। खनिज अम्लों में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला यह महत्त्वपूर्ण अम्ल है। प्राचीन काल में हराकसीस (फेरस सल्फेट) के द्वारा तैयार गन्धक द्विजारकिक गैस को जल में घोलकर इसे तैयार किया गया। यह तेल जैसा चिपचिपा होता है। इन्ही कारणों से प्राचीन काल में इसका नाम 'आयँल ऑफ विट्रिआँल' रखा गया था। हाइड्रोजन, गन्धक तथा जारक तीन तत्वों के परमाणुओं द्वारा गन्धकाम्ल के अणु का संश्लेषण होता है। आक्सीजन युक्ति होने के कारण इस अम्ल को 'आक्सी अम्ल' कहा जाता है। इसका अणुसूत्र H2SO4 है तथा अणु भार ९८ है। गन्धकाम्ल प्राचीनकाल के कीमियागर एवं रसविद् आचार्यों को गन्धकाम्ल के संबंध में बहुत समय से पता था। उस समय हरे कसीस को गरम करने से यह अम्ल प्राप्त होता था। बाद में फिटकरी को तेज आँच पर गरम करने से भी यह अम्ल प्राप्त होने लगा। प्रारंभ में गन्धकाम्ल चूँकि हरे कसीस से प्राप्त होता था, अत: इसे "कसीस का तेल' कहा जाता था। तेल शब्द का प्रयोग इसलिए हुआ कि इस अम्ल का प्रकृत स्वरूप तेल सा है। .
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नाइट्रिक अम्ल और लवण के बीच तुलना
नाइट्रिक अम्ल 28 संबंध है और लवण 11 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 3 / (28 + 11)।
संदर्भ
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