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नरवर दुर्ग

सूची नरवर दुर्ग

नरवर दुर्ग मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के नरवर में विन्ध्य वर्वतमाला की एक पहाड़ी पर स्थित है। इसकी ऊँचाई भूस्तर से लगभग ५०० फीट है और यह लगभग ८ वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। कहा जाता है कि १०वीं शताब्दी में जब कछवाहा राजपूतों ने नरवर पर अधिकार किया तो इस दुर्ग का निर्माण (पुनर्निर्माण) किया। कछवाहों के बाद यहां परिहार और फ़िर तोमर राजपूतों का आधिपत्य रहा और अन्ततः यह १६वीं शताब्दी में मुगलों के अधीन आ गया। कालान्तर में १९वीं शताब्दी के आरम्भ में यहां मराठा सरदार सिन्धिया ने अधिकार किया।, शिवपुरी पर्यटन .

9 संबंधों: दमयन्ती, दुर्ग, नरवर, नल-दमयन्ती, मध्य प्रदेश, महाभारत, शिवपुरी ज़िला, विन्ध्याचल पर्वत शृंखला, १०वीं शताब्दी

दमयन्ती

दमयन्ती विदर्भ नरेश भीम की पुत्री थ जो हंस द्वारा गुण श्रवण करके नॅषधराज नल पर अनुरक्त हो गई थी। उसने स्वयम्बर में देवताओं तथा अन्य राजाओं को छोडकर नल को ही वरमाला पहनाई। परिणाम स्वरूप कुपित होकर कलि ने उन्हें अनेक कष्ट दिए। श्रेणी:हिन्दू धर्म.

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दुर्ग

दुर्ग छत्तीसगढ़ प्रान्त के 27 जिलो मे तीसरा सबसे बड़ा जिला है। दुर्ग जिले के मुख्य शहर भिलाई और दुर्ग को सम्मिलित रूप से टि्वन सिटी कहा जाता है। भिलाई में लौह इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ ही दुर्ग का महत्व काफी बढ़ गया। शिवनाथ नदी के पूर्वी तट पर स्थित दुर्ग शहर के बीचोबीच से राष्ट्रीय राजमार्ग ६ (कोलकाता-मुंबई) गुजरती है। टि्वनसिटी के तौर पर दुर्ग-भिलाई शैक्षणिक और खेल केंद्र के रूप में न केवल प्रदेश में बल्कि देश में अपना स्थान रखता है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर.

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नरवर

नरवर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले मैं स्थित है। नरवर एक एेतिहसिक नगरी है। प्राचीन काल में यह राजा नल की राजधानी थी। महाभारत में भी नरवर का उल्लेख निषध नगर नाम से मिलता है। नरवर अति प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है जो आज भी अपनी ऐतिहासिक विरासत को सहेजे हुए हैं। .

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नल-दमयन्ती

'''नल-दमयन्ती''': राजा रवि वर्मा की कृति नल और दमयन्ती की कथा भारत के महाकाव्य, महाभारत में आती है। युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ वनवास करना पड़ा। वहीं एक ऋषि ने उन्हें नल और दमयन्ती की कथा सुनायी। नल निषध देश के राजा थे। वे वीरसेन के पुत्र थे। नल बड़े वीर थे और सुन्दर भी। शस्त्र-विद्या तथा अश्व-संचालन में वे निपुण थे। दमयन्ती विदर्भ (पूर्वी महाराष्ट्र) नरेश की मात्र पुत्री थी। वह भी बहुत सुन्दर और गुणवान थी। नल उसके सौंदर्य की प्रशंसा सुनकर उससे प्रेम करने लगा। उनके प्रेम का सन्देश दमयन्ती के पास बड़ी कुशलता से पहुंचाया एक हंस ने। और दमयन्ती भी अपने उस अनजान प्रेमी की विरह में जलने लगी। इस कथा में प्रेम और पीड़ा का ऐसा प्रभावशाली पुट है कि भारत के ही नहीं देश-विदेश के लेखक व कवि भी इससे आकर्षित हुए बिना न रह सके। बोप लैटिन में तथा डीन मिलमैन ने अंग्रेजी कविता में अनुवाद करके पश्चिम को भी इस कथा से भली भांति परिचित कराया है। विदर्भ देश में भीष्मक नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी पुत्री का नाम दमयन्ती थी। दमयन्ती लक्ष्मी के समान रूपवती थी। उन्हीं दिनों निषध देश में वीरसेन के पुत्र नल राज्य करते थे। वे बड़े ही गुणवान्, सत्यवादी तथा ब्राह्मण भक्त थे। निषध देश से जो लोग विदर्भ देश में आते थे, वे महाराज नल के गुणों की प्रशंसा करते थे। यह प्रशंसा दमयन्ती के कानों तक भी पहुँची थी। इसी तरह विदर्भ देश से आने वाले लोग राजकुमारी के रूप और गुणों की चर्चा महाराज नल के समक्षकरते। इसका परिणाम यह हुआ कि नल और दमयन्ती एक-दूसरे के प्रति आकृष्ण होते गये। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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शिवपुरी ज़िला

शिवपुरी जिला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है। शिवपुरी नगर इसका जिला मुख्यालय है। शिवपुरी जिला अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है। शिवपुरी जिले में नरवर का किला काली सिंध के पूरब में है जो शिवपुरी से करीब ४१ कि॰मी॰ की दूरी पर है। नरवर का किला मध्ययुगीन समय का है। सख्या सागर और माधव सागर झीलों को सन १९१८ में मनेर नदी पर बनाया गया था जो की शिवपुरी माधव राष्ट्रीय उद्यान को जैव विविधता में मदद देते हैं। कर्नल जी एस ढिल्लों शिवपुरी जिला से एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे, वह 5 नवम्बर 1945 पर शिवपुरी के ऐतिहासिक परीक्षण के लिए उत्तरदायी रहे जो शिवपुरी जिले में हातोद गांव में अपनी मृत्यु तक रहे। .

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विन्ध्याचल पर्वत शृंखला

विंध्याचल पर्वत शृंखला भारत के पश्चिम-मध्य में स्थित प्राचीन गोलाकार पर्वतों की शृंखला है जो भारत उपखंड को उत्तरी भारत व दक्षिणी भारत में बांटती है। (विन्ध्याचल .

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१०वीं शताब्दी

१०वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १०वीं.

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