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नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश के बीच अंतर

नदीम-श्रवण vs. नितिन मुकेश

नदीम-श्रवण हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी है। इसने नदीम अख्तर सैफी और श्रवण कुमार राठोड़ के नाम से अपना नाम प्राप्त किया। 1973 में पहली बार एक दूसरे से मिले नदीम श्रवण ने भोजपुरी फिल्म दंगल से अपने संगीत करियर की शुरुआत की। 80 के दशक में काफी संघर्ष करने के बाद उन्हें 1990 की फ़िल्म आशिकी से पहचान मिली, जो बॉलीवुड की अब तक की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम है। इसके बाद 1997 तक उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, और बॉलीवुड के उस समय के अग्रणी संगीतकारों में स्थान प्राप्त किया। 1997 में गुलशन कुमार हत्याकांड में नदीम सैफी को भी संदिग्धों की सूची में पाया गया, जिस कारण वे कुछ समय के लिए संगीत से दूर रहे। 2000 की फिल्म धड़कन से नदीम-श्रवण ने एक बार फिर बॉलीवुड में वापसी की, हालाँकि 5 वर्ष तक दोबारा काम करने के बाद 2005 की फ़िल्म दोस्ती के बाद दोनों अलग हो गए। उन्हें प्राप्त सम्मानों में 4 फिल्मफेयर पुरस्कार, 2 स्टार स्क्रीन पुरस्कार, 1 ज़ी सिने पुरस्कार तथा राजा फिल्म के लिए एक विशेष पुरस्कार शामिल हैं। 1991 से 1993 तक नदीम-श्रवण ने लगातार तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। शंकर-जयकिशन (1971–1973) तथा लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल (1978-1981) के बाद ऐसा करने वाले वह तीसरे संगीतकार हैं। . नितिन मुकेश नितिन मुकेश भारतीय गायक है जो हिन्दी फ़िल्मों में अपने पार्शवगायन के लिये जाने जाते हैं। 1980-90 के दशकों में उन्होंने कई संगीतकार के साथ काम किया है:- खय्याम, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, बप्पी लाहिड़ी, राजेश रोशन, नदीम श्रवण, आनंद-मिलिंद। नितिन मुकेश के पुत्र है और उनके बेटे नील नितिन मुकेश अभिनेता है। .

नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश के बीच समानता

नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बलमा, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, आनंद-मिलिंद

बलमा

बलमा 1993 की हिन्दी फ़िल्म है। इसका निर्देशन लॉरेंस डिसूज़ा ने किया है और मुख्य भूमिकाओं में अविनाश वधावन, आयशा जुल्का, सईद जाफ़री और अंजना मुमताज़ हैं। .

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लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी है, लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (१९३७-१९९८) और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (जन्म १९४०) से मिलकर बनी थी। उन्होंने १९६३ से १९९८ तक ६३५ हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया जिसमे सम्मिलित थे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर.

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आनंद-मिलिंद

आनंद-मिलिंद हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी है। प्रतिभाशाली संगीतकार चित्रगुप्त के दोनों पुत्र 'आनंद चित्रगुप्त' और 'मिलिंद चित्रगुप्त' अपने शुरूआती दौर में संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के सहायक रहे। इसके अलावा अपने पिता के सहायक के तौर पर भी उन्होंने कई हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों में संगीत दिया। उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म "क़यामत से क़यामत तक" थी। इस फ़िल्म ने सफलता के कई कीर्तिमान स्थापित किए। ये फ़िल्म कलाकार आमिर खान की भी पहली फ़िल्म थी। इस फ़िल्म का गीत "पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा" उदित नारायण का गाया हुआ बहुत प्रसिद्ध हुआ। .

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नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश के बीच तुलना

नदीम-श्रवण 74 संबंध है और नितिन मुकेश 23 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.09% है = 3 / (74 + 23)।

संदर्भ

यह लेख नदीम-श्रवण और नितिन मुकेश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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