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नक्षत्र और शतभिषा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नक्षत्र और शतभिषा के बीच अंतर

नक्षत्र vs. शतभिषा

आकाश में तारा-समूह को नक्षत्र कहते हैं। साधारणतः यह चन्द्रमा के पथ से जुड़े हैं, पर वास्तव में किसी भी तारा-समूह को नक्षत्र कहना उचित है। ऋग्वेद में एक स्थान पर सूर्य को भी नक्षत्र कहा गया है। अन्य नक्षत्रों में सप्तर्षि और अगस्त्य हैं। नक्षत्र सूची अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदांग ज्योतिष में मिलती है। भागवत पुराण के अनुसार ये नक्षत्रों की अधिष्ठात्री देवियाँ प्रचेतापुत्र दक्ष की पुत्रियाँ तथा चन्द्रमा की पत्नियाँ हैं। . शतभिषा शतभिषा, नक्षत्रों में 24वाँ नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी राहु है, इसकी दशा में 18 वर्ष है व कुंभ राशि के अंतर्गत आता है। जहाँ नक्षत्र स्वामी राहु है वहीं राशि स्वामी शनि है। राहु का प्रभाव लगभग शनि वृत ही पड़ता है। कुछ ज्योतिषियों ने इसकी दृष्टि मानी है, लेकिन जब आकाश मंडल में इसका अस्तित्व ही नहीं है तो दृष्टि कैसी? यदि राहु मेष लग्न में उच्च का हो तो इसके परिणाम भी शुभ मिलते हैं। मेष का राहु हो तो ऐसे जातक प्रबल रूप से शत्रुहंता होता है। गुप्त विद्या में सफलता मिलती है। संतान के मामलों में बाधा भी आती है। राहु मेष लग्न में षष्ठभाव में हो तो शत्रुहंता होगा। वृषभ लग्न में राहु हो तो ऐसे जातक पर स्त्री गामी भी होते हैं। द्वितीय भाव में होता वाणी में चतुरता होती है। सिंह, कन्या, मकर, कुंभ में हो तो उत्तम परिणाम देता है। अष्टम में हो तो गुप्त विद्या का जानकार बना देता है। वही ऐसे जातक भी सेक्सी होते हैं। यदि शनि का उच्च का स्वराशि का या मित्र राशि का हो तो ऐसे जातक निश्चित अपनी विद्या के बल पर उच्च सफलता पाते हैं। मिथुन लग्न में नक्षत्र स्वामी राहु लग्न में ऐसे हो तो राजनीति में उत्तम सफलता पाते हैं। वकालत में भी सफल होते हैं। चतुर्थ भाव में हो तो स्थानीय राजनीति में उत्तम सफलता मिलती है। तृतीय भाव में हो तो शत्रुहंता होगा। शनि की स्थिति में शनि में लग्न, चतुर्थ, नवम, पंचम में हो तो उत्तम सफलता पाने वाला होगा। कर्क लग्न में नक्षत्र स्वामी दशम में हो तो ऐसे राजनीतिक गु्रु विद्या में सफल होते हैं। राहु की स्थिति तृतीय, एकादश, सप्तम में ठीक रहेगी। राशि स्वामी भी यदि मित्र स्वराशि का हो तो परिणाम भी शुभ मिलेंगे। सिंह लग्न में राहु लग्न में हो तो चतुर्थ एकादश में हो तो दशम, द्वितीय, षष्ठ में शुभ रहेगा। कन्या लग्न में राहु दशम भाव में सफल राजनीतिज्ञ बना देता है। लग्न, पंचम, नवम में भी शुभ फल देगा। स्वामी शनि पंचम, नवम, एकादश, दशम लग्न में होतो उत्तम रहेगा। शनि चतुर्थ, पंचम, नवम में शुभ रहेगा। वृश्चिक लग्न में राहु दशम, एकादश, चतुर्थ, तृतीय भाव में शुभफलदायी रहेगा। वहीं शनि की स्थिति सप्तम, एकादश, तृतीय भाव में नवम में हो तो ठीक रहेगा वहीं शनि दशम में सप्तम, द्वितीय, तृतीय, एकादश में शुभफलदायी रहेगा। मकर लग्न में राहु षष्ठ, पंचम, लग्न, नवम में शनि दशम लग्न नवम षष्ठ में शुभफलदायी रहेगा। कुंभ लग्न में राहु चतुर्थ, पंचम, लग्न, नवम, षष्ठ में शुभफलदायी रहेगा। कुंभ लग्न में राहु चतुर्थ, पंचम, सप्तम में शुभफलदायी रहेगा। शनि लग्न, चतुर्थ, पंचम, नवम में ठीक फल देगा। .

नक्षत्र और शतभिषा के बीच समानता

नक्षत्र और शतभिषा आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): राहु

राहु

राहु (16px) हिन्दू ज्योतिष के अनुसार असुर स्वरभानु का कटा हुआ सिर है, जो ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा का ग्रहण करता है। इसे कलात्मक रूप में बिना धड़ वाले सर्प के रूप में दिखाया जाता है, जो रथ पर आरूढ़ है और रथ आठ श्याम वर्णी घोड़ों द्वारा खींचा जा रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु को नवग्रह में एक स्थान दिया गया है। दिन में राहुकाल नामक मुहूर्त (२४ मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है। समुद्र मंथन के समय स्वरभानु नामक एक असुर ने धोखे से दिव्य अमृत की कुछ बूंदें पी ली थीं। सूर्य और चंद्र ने उसे पहचान लिया और मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु को बता दिया। इससे पहले कि अमृत उसके गले से नीचे उतरता, विष्णु जी ने उसका गला सुदर्शन चक्र से काट कर अलग कर दिया। परंतु तब तक उसका सिर अमर हो चुका था। यही सिर राहु और धड़ केतु ग्रह बना और सूर्य- चंद्रमा से इसी कारण द्वेष रखता है। इसी द्वेष के चलते वह सूर्य और चंद्र को ग्रहण करने का प्रयास करता है। ग्रहण करने के पश्चात सूर्य राहु से और चंद्र केतु से,उसके कटे गले से निकल आते हैं और मुक्त हो जाते हैं। .

नक्षत्र और राहु · राहु और शतभिषा · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

नक्षत्र और शतभिषा के बीच तुलना

नक्षत्र 50 संबंध है और शतभिषा 3 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.89% है = 1 / (50 + 3)।

संदर्भ

यह लेख नक्षत्र और शतभिषा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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