नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल के बीच समानता
नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिल्ली, भारत, भारत के महाराज्यपाल, भारत के सम्राट, राष्ट्रपति भवन, लॉर्ड इर्विन, कोलकाता।
दिल्ली
दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .
दिल्ली और नई दिल्ली · दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल ·
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
नई दिल्ली और भारत · भारत और भारत के महाराज्यपाल ·
भारत के महाराज्यपाल
भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .
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भारत के सम्राट
ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया का सितारा, जो ब्रिटिश साम्राज्यिक भारत के बिल्ले (चिह्न) के रूप में प्रयोग होता था। ”’भारत के सम्राट’”/”’साम्राज्ञी”, ”’ बादशाह-ए-हिं””, ”’ एम्परर/एम्प्रैस ऑफ इण्डिय”” वह उपाधि थी, जो कि अंतिम भारतीय मुगल शासक बहादुर_शाह_द्वितीय एवं भारत में ब्रिटिश राज के शासकों हेतु प्रयोग होती थी। कभी भारत के सम्राट उपाधि, भारतीय सम्राटों, जैसे मौर्य वंश के अशोक-महान। या मुगल_बादशाह अकबर-महान के लिये भी प्रयोग होती है। वैसे उन्होंने कभी भी यह उपाधियां अपने लिये नहीं घोषित कीं। .
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राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। सन १९५० तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था। तब यह तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था। यह नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित है। इस महल में ३४० कक्ष हैं और यह विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है। वर्तमान भारत के राष्ट्रपति, उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य को यहां का मुख्य शयन कक्ष, अपनी विनीत नम्र रुचियों के कारण, अति आडंबर पूर्ण लगा जिसके कारण उन्होंने अतिथि कक्ष में रहना उचित समझा। उनके उपरांत सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई। यहां के मुगल उद्यान की गुलाब वाटिका में अनेक प्रकार के गुलाब लगे हैं और यह कि जन साधारण हेतु, प्रति वर्ष फरवरी माह के दौरान खुलती है। इस भवन की खास बात है कि इस भवन के निर्माण में लोहे का नगण्य प्रयोग हुआ है। .
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लॉर्ड इर्विन
लॉर्ड इर्विन (16 अप्रैल, 1881 - 23 दिसम्बर 1959) भारत में १९२६-१९३१ ई. तक गवर्नर जनरल तथा सम्राट् के प्रतिनिधि के रूप में वायसराय थे। भारत में बढ़ रही स्वराज्य तथा संवैधानिक सुधारों की माँग के संबंध में इनकी संस्तुति से १९२७ ई. में लार्ड साइमन की अध्यक्षता में ब्रिटिश सरकार ने साइमन कमीशन की नियुक्ति की, जिसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे। फलस्वरूप सारे देश में कमीशन का बाहिष्कार हुआ, 'साइमन, वापस जाओ' के नारे लगाए गए, ओर काले झंडों के प्रदर्शन के साथ आंदोलन हुआ। सांडर्स के नेतृत्व में पुलिस की लाठियों की चोट से लाला लाजपतराय की मृत्यु हो गई। भगत सिंह के दल ने एक वर्ष के भीतर ही बदले के लिए सांडर्स की भी हत्या कर दी। प्रारंभ में भारत औपानिवेशिक स्वराज्य की ही माँग करता रहा, किंतु २६ जनवरी, १९२९ को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 'पूर्ण स्वराज्य' की घोषणा की गई तथा शपथ ली गई कि प्रत्येक वर्ष २६ जनवरी गणतंत्र के रूप में मनाई जाएगी। साइमन कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार १९३० ई. में लार्ड इरविन की संस्तुति से संवैधानिक सुधारों की समस्या के समाधान के लिए लंदन में एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका गांधी जी ने विरोध किया। साथ ही गांधी जी ने सरकार पर दबाव डालने के लिए ६ अप्रैल, १९३० से नमक सत्याग्रह छेड़ दिया। सारे देश में नमक कानून तोड़ा गया। गांधी जी के साथ हजारों व्यक्ति गिरफ्तार हुए। सर तेजबहादुर सप्रु की मध्यस्थता से गांधी-इरविन-समझौता हुआ। यह समझौता भारतीय इतिहास का एक प्रमुख मोड़ है। इसमें २१ धाराएँ थीं जिनके अनुसार गोलमेज कानफ्ररेंस में भाग लेने के लिए गांधी जी तैयार हुए तथा यह तय हुआ कि कानून तोड़ने की कार्रवाई बंद होगी, ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार बंद होगा, पुलिस के कारनामों की जाँच नहीं होगी, आंदोलन के समय बने अध्यादेश वापस होंगे, सभी राजनीतिक कैदी छोड़ दिए जाएँगे, जुर्माने वसूल नहीं होंगे, जब्त अचल संपत्ति वापस हो जाएगी, अन्यायपूर्ण वसूली की क्षतिपूर्ति होगी, असहयोग करनेवाले सरकारी कर्मचारियों के साथ उदारता बरती जाएगी, नमक कानून में ढील दी जाएगी, इत्यादि। इस समझौते के फलस्वरूप १९३१ ई. की द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में गांधी जी ने मदनमोहन मालवीय एवं श्रीमती सरोजनी नायडू के साथ भाग लिया। यद्यपि लार्ड इरविन ने एक साम्राज्यवादी शासक के रूप में स्वदेशी आंदोलन का पूरा दमन किया, तथापि वैयक्तिक मनुष्य के रूप में वे उदार विचारों के थे। यही कारण है कि राष्ट्रवादी नेताओं को इन्होंने काफी महत्व प्रदान किया। इनके जीवित स्मारक के रूप में नई दिल्ली में विशाल 'इरविन अस्पताल' का निर्माण कराया गया। श्रेणी:भारत के गवर्नर जनरल.
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कोलकाता
बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल लगती में
- यह आम नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल में है क्या
- नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल के बीच समानता
नई दिल्ली और भारत के महाराज्यपाल के बीच तुलना
नई दिल्ली 38 संबंध है और भारत के महाराज्यपाल 161 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 3.52% है = 7 / (38 + 161)।
संदर्भ
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