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ध्वनि का वेग

सूची ध्वनि का वेग

वायु में ध्वनि का संचरण वायु के कणों के कम्पन के कारण उत्पन्न हुए संपीडन और विरलन के रूप में होता है। अनुप्रस्थ तरंग की गति: केवल ठोस माध्यम में ही अनुप्रस्थ तरंगे बनतीं हैं। इसमें माध्यम के कणों का कम्पन तरंग की गति की दिशा के लम्बवत होता है। किसी माध्यम (जैसे हवा, जल, लोहा) में ध्वनि १ सेकेण्ड में जितनी दूरी तय करती है उसे उस माध्यम में ध्वनि का वेग कहते हैं। शुष्क वायु में 20 °C (68 °F) पर ध्वनि का वेग 343.59 मीटर प्रति सेकेण्ड है। ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। इसके संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता। वायु में ध्वनि का संचरण एक अनुदैर्घ्य तरंग (लांगीट्युडनल वेव) के रूप में होता है। अलग-अलग माध्यमों में ध्वनि का वेग अलग-अलग होता है। .

14 संबंधों: ध्वनि, निर्वात, पराध्वनिक विमान, पास्कल (इकाई), प्रकाश का वेग, यंग मापांक, सार्वत्रिक गैस नियतांक, घनत्व, आदर्श गैस समीकरण, आयतन प्रत्यास्थता मापांक, इस्पात, केल्विन, अणु भार, अनुदैर्घ्य तरंग

ध्वनि

ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- ('''नीला''': ध्वनि तरंग, '''लाल''': कान का पर्दा, '''पीला''': कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। '''हरा''': श्रवण तंत्रिकाएँ, '''नीललोहित''' (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, '''नारंगी''': तंत्रिका में गया संकेत) ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं। .

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निर्वात

निर्वात को प्रदर्शित करने हेतु एक पम्प जब आकाश (स्पेस) के किसी आयतन में कोई पदार्थ नहीं होता तो कहा जाता है कि वह आयतन निर्वात (वैक्युम्) है। निर्वात की स्थिति में गैसीय दाब, वायुमण्डलीय दाब की तुलना में बहुत कम होता है। किन्तु स्पेस का कोई भी आयतन पूर्णतः निर्वात हो ही नहीं सकता। .

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पराध्वनिक विमान

मिग-२५, जिनकी अधिकतम चाल ३.२ मैक तक है। पराध्वनिक विमान (सुपरसॉनिक एयरक्राफ्ट) उन विमानों को कहते हैं जो ध्वनि के वेग से भी अधिक वेग से उड़ सकते हैं। ऐसे विमानों का विकास २०वीं शदी के उत्तरार्ध में हुआ। इनका उपयोग प्रायः अनुसंधान एवं सैनिक उपयोग के लिये हुआ है। लड़ाकू विमान, पराध्वनिक विमान के सबसे सामान्य उदाहरण हैं। जो विमान ध्वनि के वेग के पाँच गुना से भी अधिक वेग (५ मैक से अधिक) से उड़ते हैं उन्हें प्रायः अतिपराध्वनिक विमान (hypersonic aircraft) कहते हैं। .

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पास्कल (इकाई)

पास्कल दबाव की SI व्युत्पन्न इकाई है। इसके साथ ही स्ट्रेस, यंग्स माड्युलस और तनाव स्ट्रेस की भी यही इकाई है। यह लम्बवत बल प्रति इकाई क्षेत्र बराबर एक न्यूटन प्रति वर्ग मीटर, या जूल प्रति घन मीटर.

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प्रकाश का वेग

प्रकाश की चाल (speed of light) (जिसे प्राय: c से निरूपित किया जाता है) एक भौतिक नियतांक है। निर्वात में इसका सटीक मान 299,792,458 मीटर प्रति सेकेण्ड है जिसे प्राय: 3 लाख किमी/से.

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यंग मापांक

यांत्रिकी के सन्दर्भ में यंग गुणांक या यंग मापांक (Young's modulus), किसी समांग प्रत्यास्थ पदार्थ की प्रत्यास्थता का मापक है। यह एकअक्षीय प्रतिबल एवं विकृति के अनुपात के रूप में परिभाषित है। कभी-कभी गलती से इसे प्रत्यास्थता मापांक (modulus of elasticity) भी कह दिया जाता है क्योंकि सभी प्रत्यास्थता गुणांकों में यंग गुणांक ही सबसे प्रचलितेवं सबसे अधिक प्रयुक्त मापांक है। इसके अतिरिक्त दो और 'प्रत्यास्थता मापांक' हैं - आयतन प्रत्यास्थता मापांक एवं अपरूपण गुणांक। .

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सार्वत्रिक गैस नियतांक

सार्वत्रिक गैस नियतांक (या गैस नियतांक, या मोलर गैस नियतांक, या आदर्श गैस नियतांक; gas constant / molar, universal, or ideal gas constant) एक भौतिक नियतांक है जो विज्ञान के कई मूलभूत समीकरणों में सम्मिलित है (जैसे, आदर्श गैस समीकरण में)।इसे R से निरूपित करते हैं। .

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घनत्व

भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .

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आदर्श गैस समीकरण

किसी गैस का '''समतापी प्रक्रम''': अलग-अलग नियत तापों पर गैस के आयतन और दाब के बीच सम्बन्ध आदर्श गैस समीकरण, आदर्श गैस के आयतन, दाब एवं ताप के अन्तर्सम्बन्धों को व्यक्त करने वाला समीकरण है। इसे सर्वप्रथम सन १८३४ में बेन्वायट पॉल एमाइल क्लैपिरोन (Benoît Paul Émile Clapeyron) ने प्रकाशित किया था। आदर्श गैस का समीकरण निम्नवत है: जहाँ सार्वत्रिक गैस नियतांक, R, का मान मापन की विभिन्न इकाइयों में नीचे दिया गया है। |- |R ||.

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आयतन प्रत्यास्थता मापांक

एकसमान संपीड़न का चित्रण किसी पदार्थ का अथवा बल्क मोड्यूलस (bulk modulus; K या B) एकसमान संपीड़न के मापन को व्यक्त करता है। इसे अत्यल्प दाब बढ़ाने के परिणामस्वरूप आयतन में होने वाली सापेक्षिक कमी के अनुपात से परिभाषित किया जाता है। इसकी अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली इकाई पास्कल है और इसकी विमीय रूप M1L−1T−2 है। .

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इस्पात

इस्पात (Steel), लोहा, कार्बन तथा कुछ अन्य तत्वों का मिश्रातु है। इसकी तन्य शक्ति (tensile strength) अधिक होती है जबकि प्रति टन मूल्य कम होने के कारण यह भवनों, अधोसंरचना, औजार, जलयान, वाहन, और मशीनों के निर्माण में प्रयुक्त होता है। 'इस्पात' शब्द इतने विविध प्रकार के परस्पर अत्यधिक भिन्न गुणोंवाले पदार्थो के लिए प्रयुक्त होता है कि इस शब्द की ठीक-ठीक परिभाषा करना वस्तुत: असंभव है। परंतु व्यवहारत: इस्पात से लोहे तथा कार्बन (कार्बन) की मिश्र धातु ही समझी जाती है (दूसरे तत्व भी साथ में चाहे हों अथवा न हों)। इसमें कार्बन की मात्रा साधारणतया 0.002% से 2.14% तक होती है। किसी अन्य तत्व की अपेक्षा कार्बन, लोहे के गुणों को अधिक प्रभावित करता है; इससे अद्वितीय विस्तार में विभिन्न गुण प्राप्त होते हैं। वेसे तो कई अन्य साधारण तत्व भी मिलाए जाने पर लोहे तथा इस्पात के गुणों को बहुत बदल देते हैं, परंतु इनमें कार्बन ही प्रधान मिश्रधातुकारी तत्व है। यह लोहे की कठोरता तथा पुष्टता समानुपातिक मात्रा में बढ़ाता है, विशेषकर उचित उष्मा उपचार के उपरांत। इस्पात एक मिश्रण है जिसमें अधिकांश हिस्सा लोहा का होता है। इस्पात में 0.2 प्रतिशत से 2.14 प्रतिशत के बीच कार्बन होता है। लोहा के साथ कार्बन सबसे किफायत मिश्रक होता है, लेकिन जरूरत के अनुसार, इसमें मैंगनीज, क्रोमियम, वैंनेडियम और टंग्सटन भी मिलाए जाते हैं। कार्बन और दूसरे पदार्थ मिश्र-धातु को कठोरता प्रदान करते हैं। लौहे के साथ, उचित मात्रा में मिश्रक मिलाकर लोहे को आवश्यक कठोरता, तन्यता और सुघट्यता प्रदान किया जाता है। लौहे में जितना ज्यादा कार्बन मिलाते हैं इस्पात उतना ही कठोर बनता जाता है, कठोरता बढ़ने के साथ ही उसकी भंगुरता भी बढ़ती जाती है। 1149 डिग्री सेल्सियस पर लौहे में कार्बन की अधिकतम घुल्यता 2.14 प्रतिशत है। कम तापमान पर अगर लौहे में ज्यादा मात्रा में कार्बन हो तो इससे सिमेंटाइट का निर्माण होगा। लौहे में अगर इससे ज्यादा कार्बन हो तो यह कास्ट आयरन कहलाता है, क्योंकि इसका गलनाक कम हो जाता है। इस्पात, कास्ट आयरन से इसलिए भी अलग होता है क्योंकि इसमें दूसरे तत्वों की मात्रा अत्यंत कम होती है यानी 1 से तीन प्रतिशत के करीब.

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केल्विन

कैल्विन (चिन्ह: K) तापमान की मापन इकाई है। यह सात मूल इकाईयों में से एक है। कैल्विन पैमाना ऊष्मगतिकीय तापमान पैमाना है, जहाँ, परिशुद्ध शून्य, पूर्ण ऊर्जा की सैद्धांतिक अनुपस्थिति है, जिसे शून्य कैल्विन भी कहते हैं। (0 K) कैल्विन पैमाना और कैल्विन के नाम ब्रिटिश भौतिक शास्त्री और अभियाँत्रिक विलियम थामसन, प्रथम बैरन कैल्विन (1824–1907) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने विशुद्ध तापमानमापक पैमाने की आअवश्यकत जतायी थी। .

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अणु भार

किसी अणु का अणु भार वह संख्या है जो दर्शाती है कि उसका एक अणु, कार्बन-१२ के एक परमाणु के भार के १२वें भाग (१/१२) से कितने गुना भारी है। उदाहरण के लिये, मिथेन का जो दर्शाता है कि मिथेन का एक अणु का भार कार्बन-१२ के एक परमाणु के १२वें भाग से १६ गुना भारी है। श्रेणी:रसायन विज्ञान श्रेणी:चित्र जोड़ें श्रेणी:पदार्थ की मात्रा.

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अनुदैर्घ्य तरंग

अनुदैर्घ्य तरंगे (Longitudinal waves) वे तरंगें हैं जिनमें माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग की गति की दिशा या उसके विपरीत दिशा में ही होता है। इन्हें "l तरंगें" भी कहते हैं। यांत्रिक अनुदैर्घ्य तरंगों को संपीडन तरंगें (compressional waves) भी कहते हैं क्योंकि इन तरंगों के संचरण के कारण माध्यम के अन्दर संपीडन (compression) और विरलन (rarefaction) का निर्माण होता है। अनुप्रस्थ तरंगें (transverse wave) इससे अलग प्रकार की तरंगें हैं जिनमें कणों के कम्पन की गति, तरंग के संचरण की गति के लम्बवत होती है। श्रेणी:तरंग श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

ध्वनि की गति

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