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ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य के बीच अंतर

ध्येयवाक्य vs. विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य

ध्येयवाक्य (motto) उस वाक्यांश को कहते हैं जो किसी सामाजिक समूह या संस्था के लक्ष्य को औपचारिक रूप से, संक्षेप में, अभिव्यक्त करता है। ध्येयवाक्य किसी भी भाषा में हो सकता है किन्तु शास्त्रीय भाषाएं (जैसे लैटिन, संस्कृत आदि) का अधिकांशत: प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये भारत का ध्येयवाक्य है - सत्यमेव जयते (सत्य की ही जीत होती है।) . यहाँ पर विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्येयवाक्यों का संकलन है। ध्येयवाक्य देशों की मुद्राओं पर, बैंकनोटों आदि पर अंकित किया रहता है। .

ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य के बीच समानता

ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): संस्कृत भाषा

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

ध्येयवाक्य और संस्कृत भाषा · विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य और संस्कृत भाषा · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य के बीच तुलना

ध्येयवाक्य 7 संबंध है और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य 10 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 1 / (7 + 10)।

संदर्भ

यह लेख ध्येयवाक्य और विभिन्न देशों के ध्येयवाक्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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