ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद के बीच अंतर
ध्यान (क्रिया) vs. रहस्यवाद
बंगलुरू में '''ध्यान मुद्रा''' में भगवान शिव की एक प्रतिमा ध्यान एक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। ध्यान का उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने-आप में एक लक्ष्य हो सकता है। 'ध्यान' से अनेकों प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है। इसमें मन को विशान्ति देने की सरल तकनीक से लेकर आन्तरिक ऊर्जा या जीवन-शक्ति (की, प्राण आदि) का निर्माण तथा करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास आदि सब समाहित हैं। अलग-अलग सन्दर्भों में 'ध्यान' के अलग-अलग अर्थ हैं। ध्यान का प्रयोग विभिन्न धार्मिक क्रियाओं के रूप में अनादि काल से किया जाता रहा है। . रहस्यवाद वह भावनात्मक अभिव्यक्ति है जिसमें कोई व्यक्ति या रचनाकर उस अलौकिक, परम, अव्यक्त सत्ता से अपने प्रेम को प्रकट करता है; वह उस अलौकिक तत्व में डूब जाना चाहता है | और जव वह व्यक्ति इस चरम आनंद की अनुभूति करता है|तो उसको वाह्य जगत में व्यक्त करने में उसे अत्यंत कठिनाई होती है | लौकिक भाषा, वस्तुएं उस आनंद को व्यक्त नहीं कर सकती.
ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद के बीच समानता
ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद लगती में
- यह आम ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद में है क्या
- ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद के बीच समानता
ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद के बीच तुलना
ध्यान (क्रिया) 6 संबंध है और रहस्यवाद 0 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 0)।
संदर्भ
यह लेख ध्यान (क्रिया) और रहस्यवाद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: