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धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा के बीच अंतर

धार्मिक भाषा vs. प्राचीन यूनानी भाषा

धार्मिक भाषा एक ऐसी भाषा होती है जिसे धार्मिक प्रयोगों के लिये इस्तेमाल किया जाता है। किसी धार्मिक भाषा का प्रयोग करने वाले अपने दैनिक जीवन में किसी अन्य भाषा का प्रयोग करते हैं और वह धार्मिक भाषा उनकी मातृभाषा नहीं होती। अक्सर श्रद्धालुओं की दृष्टि में धार्मिक भाषा को मातृभाषा से अधिक शुद्ध, आध्यात्मिक, या अन्य गुणों से भरपूर माना जाता है। हिन्दुओं के लिये संस्कृत, कैथोलिक ईसाईयों के लिये लातीनी, इथोयोपियाई पारम्परिक ईसाईयों के लिये गिइज़, सीरियाई ईसाईयों के लिये सीरियाई, मुसलमानों के लिये शास्त्रीय अरबी (जो आधुनिक अरबी भाषा से काफ़ी भिन्न है) और बौद्ध धर्मियों के लिये पालि धार्मिक भाषाओं की भूमिका निभातीं हैं। इनमें से कोई भी आधुनिक युग में दैनिक प्रयोग की भाषा नहीं है। समाज में अक्सर किसी धार्मिक भाषा को लिखने-पढ़ने वालों को अन्य लोग मान्यता देते हैं, क्योंकि वे धर्मग्रंथ समझने-समझाने और धार्मिक समारोहों में सही भाषा प्रयोग व उच्चारण द्वारा धार्मिक नियमों का पालन करने में सक्षम माने जाते हैं। . प्राचीन यूनानी भाषा (अथवा प्राचीन ग्रीक, अंग्रेज़ी: Ancient Greek, यूनानी: हेल्लेनिकी) प्राचीन काल के यूनान देश और उसके आस-पास के क्षेत्रों की मुख्य भाषा थी। इसे संस्कृत की बहिन भाषा माना जा सकता है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की यूनानी शाखा में आती है। इसे एक शास्त्रीय भाषा माना जाता है, जिसमें काफ़ी ज़्यादा और उच्च कोटि का साहित्य रचा गया था, जिसमें सबसे ख़ास होमर के दो महाकाव्य इलियाड और ओडेस्सी हैं। इसके व्याकरण, शब्दावली, ध्वनि-तन्त्र और संगीतमय बोली इसे संस्कृत के काफ़ी करीब रख देते हैं। इसकी बोलचाल की बोली कोइने में ही बाइबल का लगभग सारा नया नियम लिखा गया था। .

धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा के बीच समानता

धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): संस्कृत भाषा, अरबी भाषा

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

धार्मिक भाषा और संस्कृत भाषा · प्राचीन यूनानी भाषा और संस्कृत भाषा · और देखें »

अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

अरबी भाषा और धार्मिक भाषा · अरबी भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा के बीच तुलना

धार्मिक भाषा 10 संबंध है और प्राचीन यूनानी भाषा 9 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 2 / (10 + 9)।

संदर्भ

यह लेख धार्मिक भाषा और प्राचीन यूनानी भाषा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: