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धर्म महामात्र और प्राचीन भारत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

धर्म महामात्र और प्राचीन भारत के बीच अंतर

धर्म महामात्र vs. प्राचीन भारत

प्राचीन भारत के शासन-व्यवस्था में धर्म महामात्र या धम्म महामात्र नामक कर्मचारी होते थे जिनका कार्य 'धर्मानुशासन्' स्थापित करना होता था। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में "धर्म महामात्र" जैसे कर्मचारियों का उल्लेख न होना इस बात का सूचक है कि ये कर्मचारी चंद्रगुप्त मौर्य के बाद ही धर्म की अभिवृद्धि के लिए नियुक्त किए गए होंगे। अशोक के पंचम शिला लेख ने इसकी पुष्टि भी हो जाती है जिसमें कहा गया है कि उसने धर्मानुशासन के निमित्त अपने शासन के 14वें वर्ष (लगभग 260 ई. पू.) में "धम्म महामात्र" (संस्कृत: धर्म महामात्र) नामक राजकर्मचारी नियुक्त किए। ये कर्मचारी पहले कभी राज्य में नियुक्त नहीं किए गए थे। पंचम अभिलेख में धर्म महामात्रों का कर्तव्य भी निर्दिष्ट किया गया है, जो इस प्रकार है-. मानव के उदय से लेकर दसवीं सदी तक के भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास कहलाता है। .

धर्म महामात्र और प्राचीन भारत के बीच समानता

धर्म महामात्र और प्राचीन भारत आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चाणक्य, संस्कृत भाषा

चाणक्य

चाणक्य (अनुमानतः ईसापूर्व 375 - ईसापूर्व 283) चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे 'कौटिल्य' नाम से भी विख्यात हैं। उन्होने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है। मुद्राराक्षस के अनुसार इनका असली नाम 'विष्णुगुप्त' था। विष्णुपुराण, भागवत आदि पुराणों तथा कथासरित्सागर आदि संस्कृत ग्रंथों में तो चाणक्य का नाम आया ही है, बौद्ध ग्रंथो में भी इसकी कथा बराबर मिलती है। बुद्धघोष की बनाई हुई विनयपिटक की टीका तथा महानाम स्थविर रचित महावंश की टीका में चाणक्य का वृत्तांत दिया हुआ है। चाणक्य तक्षशिला (एक नगर जो रावलपिंडी के पास था) के निवासी थे। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध मौर्य चंद्रगुप्त की राज्यप्राप्ति से है। ये उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे, इसमें कोई संदेह नहीं। कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे। उनके नाम पर एक धारावाहिक भी बना था जो दूरदर्शन पर 1990 के दशक में दिखाया जाता था। .

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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धर्म महामात्र और प्राचीन भारत के बीच तुलना

धर्म महामात्र 4 संबंध है और प्राचीन भारत 132 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 1.47% है = 2 / (4 + 132)।

संदर्भ

यह लेख धर्म महामात्र और प्राचीन भारत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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