लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

धमनी

सूची धमनी

धमनियां वे रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो हृदय से रक्त को आगे पहुंचाती हैं। पल्मोनरी एवं आवलनाल धमनियों के अलावा सभी धमनियां ऑक्सीजन-युक्त रक्त लेजाती हैं। .

7 संबंधों: धमनी शल्यचिकित्सा, धमनी विस्फार, धमनीकाठिन्य, प्राचीन यूनानी भाषा, महाधमनी, हृदय, ऑक्सीजन

धमनी शल्यचिकित्सा

यह शब्द चिकित्सा में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये है, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं। श्रेणी:चिकित्सा पद्धति.

नई!!: धमनी और धमनी शल्यचिकित्सा · और देखें »

धमनी विस्फार

(a) सामान्य अवस्था; (b) तथा (c) धमनी विस्फार धमनीस्फीति या धमनी विस्फार (Aneurism / एन्यूरिज्म) धमनी के स्थानीय उभार को कहते हैं। सामान्य स्थिति में धमनी एक सी नलिकाकार संरचना होती है। जब धमनी की भित्ति कहीं दुर्बल हो जाती है तब वहाँ खिंचाव होता है और धमनी में प्रवाहित रक्त के दाब के कारण उभार उत्पन्न हो जाता है। यही धमनीस्फीति है। धमनीभित्ति की दुर्बलता के बहुत सामान्य कारण, जन्म से ही विकास में त्रुटि, धमनी भित्ति में चोट या सिफलिस संक्रमण हैं। शरीर की किसी भी धमनी में स्फीति हो सकती है, किंतु बहुतायत से यह महाधमनी (aorta), पादों की प्रमुख धमनियों और मस्तिष्क की धमनियों में होती हुई पाई जाती है। धमनीस्फीति निकटवर्ती ऊतकों पर दबाव डालती है, जिससे पीड़ा होती है। कभी कभी धमनी फट भी जाती है, जिससे तीव्र रक्तस्राव होता है। धमनीस्फीति के रोगी को रोगस्थल पर पीड़ा होती है। स्फीतिस्थल के आरपार जानेवाली तंत्रिकाओं से पीड़ा फैल भी सकती है। कभी कभी शरीर के तल पर उभार दिखाई पड़ता है। धमनीस्फीति का संतोषप्रद उपचार कुछ दिन पूर्व तक उपलब्ध नहीं था, पर अब स्फीतिग्रस्त धमनीखंड को काटकर उसके स्थान पर मृत शरीर की धमनी, या नाइलॉन या इसी प्रकार के किसी अन्य पदार्थ की उसी प्रकार की नली का खंड लगाकर इसका उपचार संभव हो गया है। .

नई!!: धमनी और धमनी विस्फार · और देखें »

धमनीकाठिन्य

मध्यम आकार की या बड़ी धमनियों में किसी भी प्रकार का काठिन्य (कड़ा हो जाना या लोचकता का ह्रास) धमनीकाठिन्य (Arteriosclerosis) कहलाता है। .

नई!!: धमनी और धमनीकाठिन्य · और देखें »

प्राचीन यूनानी भाषा

प्राचीन यूनानी भाषा (अथवा प्राचीन ग्रीक, अंग्रेज़ी: Ancient Greek, यूनानी: हेल्लेनिकी) प्राचीन काल के यूनान देश और उसके आस-पास के क्षेत्रों की मुख्य भाषा थी। इसे संस्कृत की बहिन भाषा माना जा सकता है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की यूनानी शाखा में आती है। इसे एक शास्त्रीय भाषा माना जाता है, जिसमें काफ़ी ज़्यादा और उच्च कोटि का साहित्य रचा गया था, जिसमें सबसे ख़ास होमर के दो महाकाव्य इलियाड और ओडेस्सी हैं। इसके व्याकरण, शब्दावली, ध्वनि-तन्त्र और संगीतमय बोली इसे संस्कृत के काफ़ी करीब रख देते हैं। इसकी बोलचाल की बोली कोइने में ही बाइबल का लगभग सारा नया नियम लिखा गया था। .

नई!!: धमनी और प्राचीन यूनानी भाषा · और देखें »

महाधमनी

महाधमनी एक सुअर महाधमनी खुला भी कुछ छोड़ने धमनियों दिखा कटौती. महाधमनी (Aorta) शरीर की सबसे बड़ी तथा मुख्य धमनी है, जो हृदय के बाएँ निलय (ventricle) से आरंभ होती है तथा जिसमें से ऑक्सीजनमिश्रित रक्त सारे शरीर की ऊतकों में ऑक्सीजन का संचारण करता है। यह धमनी दैहिक (systemic) एवं फुफ्फुसीय (pulmonary) रक्त परिवहन करती है तथा दैहिक कोशिकाओं और शिरातंत्रों से होती हुई, पुन: हृदय के दाहिने अलिंद (auricle) में वापस जाती है। बाएँ निलय से, जहाँ इसका व्यास प्राय: तीन सेंटीमीटर होता है, निकल तथा कुछ ऊपर चढ़कर, धनुषाकार मुड़कर, वक्ष में पृष्ठ कशेरुकाओं (vertebra) के बाईं ओर से उदरगुहा में प्रवेश करती है तथा चौथी कटि कशेरुका के पास दाहिनी तथा बाईं श्रोणिफलक (iliac) धमनियों में विभक्त हो जाती है। सरलता के लिये इसे अधिरोही महाधमनी, महाधमनी की चाप (arch) तथा अवरोही वक्षीय और उदरीय महाधमनी में विभाजित करते हैं। महाधमनी की संरचना (योजनामूलक) महाधमनी के उद्गम भाग के छिद्र पर, अर्धगोलाकार तथा जेब के आकार के तीन वाल्व हैं, जिन्हें त्रिवलन कपाट (Tricuspid valves) कहते हैं। इन वाल्वों का नतोदर भाग हृदय की ओर रहता है। बाएँ निलय से रक्तपरिवतन के समय रुधिर चाप के कारण इन वाल्वों का मुख्य खुल जाता है, जिससे हृदय से महाधमनी में रक्तसंचारक होता है, पर विपरीत दशा में जब बाएँ निलय में अनुशिथिलन (diastole) रहता है, तब महाधमनी के स्थितिस्थापक प्रतिक्षेप (recoil) के कारण रक्तचाप महाधमनी से हृदय की ओर हो जाता है। इस कारण तीनों वाल्व रक्तचाप से फूलकर बंद हो जाते हैं, जिससे रक्त संचरण की दिशा विपरीत नहीं होती और रक्त महाधमनी से बाएँ निलय में वापस नहीं आ सकता है। हाँ, कपाटिकाओं में जब रोग के कारण शोथ आदि उत्पन्न हो जाता है, उस दशा में वाल्व ठीक कार्य नहीं करते तथा उनका मुख खुला रह जाने से रक्तसंचारण विपरीत दिशा में होता है। इससे रक्त पुन: महाधमनी से बाएँ निलय में प्रवेश करता है, जिसके कारण रक्त संचालन में विकृति होती है तथा रोग उत्पन्न होने लगता है। .

नई!!: धमनी और महाधमनी · और देखें »

हृदय

कोरोनरी धमनियों के साथ मानव हृदय. हृदय या हिया या दिल एक पेशीय (muscular) अंग है, जो सभी कशेरुकी (vertebrate) जीवों में आवृत ताल बद्ध संकुचन के द्वारा रक्त का प्रवाह शरीर के सभी भागो तक पहुचाता है। कशेरुकियों का ह्रदय हृद पेशी (cardiac muscle) से बना होता है, जो एक अनैच्छिक पेशी (involuntary muscle) ऊतक है, जो केवल ह्रदय अंग में ही पाया जाता है। औसतन मानव ह्रदय एक मिनट में ७२ बार धड़कता है, जो (लगभग ६६वर्ष) एक जीवन काल में २.५ बिलियन बार धड़कता है। इसका भार औसतन महिलाओं में २५० से ३०० ग्राम और पुरुषों में ३०० से ३५० ग्राम होता है। .

नई!!: धमनी और हृदय · और देखें »

ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

नई!!: धमनी और ऑक्सीजन · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »