द्विध्रुवी विकार और संलक्षण
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द्विध्रुवी विकार और संलक्षण के बीच अंतर
द्विध्रुवी विकार vs. संलक्षण
द्रिध्रुवी विकार एक गंभीर प्रकार का मानसिक रोग है जो एक प्रकार का मनोदशा विकार है। इस रोग से ग्रसित रोगी की मनोदशा बारी-बारी से दो विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। एक मनोदशा को सनक या उन्माद और दूसरी मनोदशा को अवसाद कहते हैं। सनक की मनोदशा में रोगी अति-आशावादी हो सकता है; अपने बारे मे बढ़ी-चढ़ी धारणा रख सकता है (जैसे मैं बहुत धनी, रचनाशील या शक्तिशाली हूँ); व्यक्ति अति-क्रियाशील हो सकता है (धड़ाधड़ भाषण, तेज गति से बदलते हुए विचार आदि); रोगी सोना नहीं चाहता या सोने को अनावश्यक कहता है आदि। दूसरी तरफ अवसाद की मनोदशा में रोगी उदास रहता है; उसको थकान लगती है; अपने को दोषी महसूस करता है या उसमें आशाहीनता दिखायी देती है। . कई रोगों के लक्षणों का एक साथ दिखाई पड़ना चिकित्साशास्त्र एवं मनोविज्ञान में संलक्षण (syndrome) कहलाता है। .
द्विध्रुवी विकार और संलक्षण के बीच समानता
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द्विध्रुवी विकार और संलक्षण के बीच तुलना
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संदर्भ
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