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द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी के बीच अंतर

द्वितीय विश्वयुद्ध vs. २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। . 2011 का सेंडाइ भूकंप और सुनामी (东北 地方 太平洋 冲 地震, तोहोकु चीहो ताइहाइयो-ओकी जिशिन, शाब्दिक "तोहोकु क्षेत्र प्रशांत महासागर अपतटीय भूकंप"), जापान के ओशिका प्रायद्वीप, के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर 11 मार्च, 2011 को 05:46 UTC (14:46 स्थानीय समय) पर आया एक महाविनाशी भूकंप है, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.0 मापी गयी है। इस भूकंप का अधिकेन्द्र जापान के पूर्वी तट से 130 किलोमीटर की दूरी पर और अवकेन्द्र 24.4 किलोमीटर (15.2 मील) की गहराई पर स्थित था। भूकंप के कारण दुनिया के लगभग 20 देशों जिनमें उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का पूरा प्रशांत तटीय क्षेत्र शामिल है, में सुनामी चेतावनी जारी की गयी और जापान के प्रशांत तट को लोगों से खाली कराया गया। भूकंप के फलस्वरूप 10 (मीटर 33 फुट) ऊँची सुनामी लहरें उत्पन्न हुईं जिन्होने जापान के तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कहर बरपाया। जापान में यह लहरें तट से 10 किलोमीटर अंदर तक आ गयीं। जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर जापान के 16 प्रांतों में, लोगों के मरने, लोगों के घायल होने और लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, लेकिन गैर सरकारी खबरों के मुताबिक हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। भूकंप के कारण जापान में व्यापक क्षति हुई है, जिनमें सड़कों और रेलवे को हुए भारी नुकसान के अलावा जगह जगह आग लगने से हुई हानि भी शामिल है। एक बांध के ढहने की भी खबर है। पूर्वोत्तर जापान में लगभग 44 लाख घरों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है और 14 लाख घरों की पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। सुनामी के चलते बहुत से बिजली घरों में विद्युत उत्पादन ठप हो गया है और कम से कम दो परमाणु बिजलीघरों से रेडियोधर्मी विकिरण का खतरा पैदा हो गया है, जिसके कारण इनके आसपास के क्षेत्र को खाली कराया गया है, पूरे क्षेत्र में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रारंभिक भूकंप के लगभग 24 घंटे बाद एक विस्फोट हुआ है, हालांकि इस विस्फोट से संयंत्र के बाहरी कंक्रीट ढाँचे को नुकसान हुआ है पर भीतरी भाग सुरक्षित बताया जाता है। फुकुशिमा-1 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 20 किलोमीटर और फुकुशिमा-2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाके को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। सेंडाइ में आया भूकंप जापान के दर्ज इतिहास में आने वाला अब तक का सबसे विध्वंसकारी और विश्व के आधुनिक इतिहास में आने वाले पाँच सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है। .

द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी के बीच समानता

द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जापान

जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी के बीच तुलना

द्वितीय विश्वयुद्ध 60 संबंध है और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी 8 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.47% है = 1 / (60 + 8)।

संदर्भ

यह लेख द्वितीय विश्वयुद्ध और २०११ सेन्दाई भूकम्प और सुनामी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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