द्वंद्वात्मक तर्कपद्धति और पाश्चात्य दर्शन के बीच समानता
द्वंद्वात्मक तर्कपद्धति और पाश्चात्य दर्शन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): इमानुएल काण्ट।
इमानुएल काण्ट
इमानुएल कांट (1724-1804) जर्मन वैज्ञानिक, नीतिशास्त्री एवं दार्शनिक थे। उसका वैज्ञानिक मत "कांट-लाप्लास परिकल्पना" (हाइपॉथेसिस) के नाम से विख्यात है। उक्त परिकल्पना के अनुसार संतप्त वाष्पराशि नेबुला से सौरमंडल उत्पन्न हुआ। कांट का नैतिक मत "नैतिक शुद्धता" (मॉरल प्योरिज्म) का सिद्धांत, "कर्तव्य के लिए कर्तव्य" का सिद्धांत अथवा "कठोरतावाद" (रिगॉरिज्म) कहा जाता है। उसका दार्शनिक मत "आलोचनात्मक दर्शन" (क्रिटिकल फ़िलॉसफ़ी) के नाम से प्रसिद्ध है। इमानुएल कांट अपने इस प्रचार से प्रसिद्ध हुये कि मनुष्य को ऐसे कर्म और कथन करने चाहियें जो अगर सभी करें तो वे मनुष्यता के लिये अच्छे हों। .
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द्वंद्वात्मक तर्कपद्धति और पाश्चात्य दर्शन के बीच तुलना
द्वंद्वात्मक तर्कपद्धति 14 संबंध है और पाश्चात्य दर्शन 31 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.22% है = 1 / (14 + 31)।
संदर्भ
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