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द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह के बीच अंतर

द्रव्य (जैन दर्शन) vs. द्रव्यसंग्रह

छः शाश्वत द्रव्य द्रव्य शब्द का प्रयोग जैन दर्शन में द्रव्य (substance) के लिए किया जाता है। जैन दर्शन के अनुसार तीन लोक में कोई भी कार्य निम्नलिखित छः द्रव्य के बिना नहीं हो सकता। अर्थात यह लोक मूल भूत इन छः द्रव्यों से बना हैं:-Grimes, John (1996). द्रव्यसंग्रह  (द्रव्यों का संग्रह) ९-१० वीं सदी में लिखा गया एक जैन ग्रन्थ है। यह सौरसेणी प्राकृत में आचार्य नेमिचंद्र द्वारा लिखा गया था। द्रव्यसंग्रह में कुल ५८ गाथाएँ है। इनमें छः द्रव्यों का वर्णन है: जीव, पुद्ग़ल, धर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य, आकाश और काल द्रव्य।Acarya Nemicandra; Nalini Balbir (2010) p. 1 of Introduction यह एक बहुत महत्वपूर्ण जैन ग्रन्थ है और जैन शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। द्रव्यसंग्रह ग्रन्थ को अक्सर याद किया जाता है क्योंकि इसमें संक्षिप्त पर बहुत अच्छे से द्रव्यों के स्वरूप का वर्णन है।Acarya Nemicandra; Nalini Balbir (2010) p. 1 of Introduction .

द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह के बीच समानता

द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह के बीच तुलना

द्रव्य (जैन दर्शन) 5 संबंध है और द्रव्यसंग्रह 6 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (5 + 6)।

संदर्भ

यह लेख द्रव्य (जैन दर्शन) और द्रव्यसंग्रह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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