दोलन और लोलक घड़ी
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दोलन और लोलक घड़ी के बीच अंतर
दोलन vs. लोलक घड़ी
इस कमानी व भार के भौतिक तंत्र में दोलन देखा जा सकता है दोलन (oscillation) एक लगातार दोहराता हुआ बदलाव होता है, जो किसी केन्द्रीय मानक स्थिति से बदलकर किसी दिशा में जाता है लेकिन सदैव लौटकर केन्द्रीय स्थिति में आता रहता है। अक्सर केन्द्रीय स्थिति से हटकर दो या दो से अधिक ध्रुवीय स्थितियाँ होती हैं और दोलती हुई वस्तु या माप इन ध्रुवों के बीच घूमता रहता है लेकिन किन्ही दो ध्रुवों के बीच की दूरी तय करते हुए केन्द्रीय स्थिति से अवश्य गुज़रता है। किसी भौतिक तंत्र में हो रहे दोलन को अक्सर कम्पन (vibration) कहा जाता है। . साधारण लोलक घडी लोलक घड़ी (pendulum clock) वह घड़ी है जिसमें समय प्रदर्शित करने वाली प्रणाली का चालन एक लोलक की सहायता से होता है। इसका आविष्कार सन १६५६ में क्रिश्चियन हाइगेंस ने किया था। तब से आरम्भ करके लगभग १९३० तक यह संसार की सर्वाधिक शुद्ध समयदर्शी तंत्र था। आजकल इन्हें सजावटी सामान एवं पुरातन सामान के रूप में प्रयोग किया जाता है। लोलक घड़ी वस्तुतः एक अनुनादी युक्ति है जो अपनी लम्बाई के अनुसार एक निश्चित दर से दोलन करती है तथा किसी अन्य दर से दोलन का विरोध करती है। किन्तु यह स्थिर अवस्था में कार्य करने के लिये ही उपयुक्त है। किसी गतिशील एवं त्वरित होने वाली चीज में यह सही समय नहीं बता पायेगी। पेंडुलम घडी की कार्यविधि .
दोलन और लोलक घड़ी के बीच समानता
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दोलन और लोलक घड़ी के बीच तुलना
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संदर्भ
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