यह हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार शैलेश मटियानी द्वारा 1966 में लिखी गई मैले-कुचैले भिखारियों के जीवन की विलक्षण कहानी है। श्रेणी:शैलेष मटियानी की कहानी.
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