लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

देहरादून

सूची देहरादून

यह लेख देहरादून नगर पर है। विस्तार हेतु देखें देहरादून जिला। देहरादून (Dehradun), देहरादून जिले का मुख्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली से २३० किलोमीटर दूर दून घाटी में बसा हुआ है। ९ नवंबर, २००० को उत्तर प्रदेश राज्य को विभाजित कर जब उत्तराखण्ड राज्य का गठन किया गया था, उस समय इसे उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) की अंतरिम राजधानी बनाया गया। देहरादून नगर पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसका विस्तृत पौराणिक इतिहास है। .

46 संबंधों: दिल्ली, दून विद्यालय, देहरादून, देहरादून जिला, देहरादून का इतिहास, देहरादून के दर्शनीय स्थल, देहरादून के पर्व और उत्सव, देहरादून की प्रमुख इमारतें, देहरादून की शिक्षा संस्थाएँ, देहरादून की समीपवर्ती पहाड़ियाँ, नैनीताल, बादशाह, भारत, मसूरी, मिलीमीटर, मुग़ल साम्राज्य, यमुनोत्री, रुड़की, शाह जहाँ, शिमला, शीतोष्ण कटिबन्ध, सेल्सियस, हरिद्वार, जॉलीग्राण्ट विमानक्षेत्र, घण्टाघर, देहरादून, वन अनुसंधान संस्थान, आगरा, कुमाऊँ मण्डल, अशोक, उत्तर प्रदेश, ऋषिकेश, १६५४, १७७२, १७८३, १७८६, १८०१, १८१४, १८१५, १८२५, १८२८, १८२९, १८४२, १८७१, १९६८, २०००, ९ नवम्बर

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

नई!!: देहरादून और दिल्ली · और देखें »

दून विद्यालय

दून विद्यालय भारत के जाने-माने निजी/स्वतंत्र विद्यालयों मेम से एक है, जो देहरादून, उत्तराखंड में है। यह विद्यालय कुल ७० एकड़ (२,८०,००० वर्ग मीटर) में फैला है। सन् १९३५, मेम इस विद्यालय की स्थापना सतीश संजन दास द्वारा कि हई थी। वे भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी चितरंजन दास और भारत के एक मुख्य न्यायाधीश सुधि संजन दास के बंधु थे। इस विद्यालय के सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक के आर्थर ई फूट, जो पहले एटन महाविद्यालय में विज्ञानाध्यापक थे। इस विद्यालय में यह पद स्वीकार करने से पहले फूट कभी भी भारत नहीं आए थे और उन्होनें सबसे पहले हैरो से जे ए के मार्टिन को अपना उप प्रधानाध्यापक नियुक्त किया। रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित जन गण मन को १९३५ में विद्यालय गान चुना गया, जिसे बाद में सन् १९४७ में भारत का राष्ट्र गान चुना गया। इस विद्यालय का उद्देश्य युवा भारतीयों को एक उदारवादी शिक्षा प्रदान करना है, जिससे उनमें धर्मनिरपेक्षता, अनुशासन और समानता के सिद्धांतों के प्रति आदर भाव जगे। २००८ में, एज्युकेशन व्लर्ड द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में इस विद्यालय को भारत के "सबसे सम्मानित आवासीय विद्यालय" का दर्जा दिया गया। .

नई!!: देहरादून और दून विद्यालय · और देखें »

देहरादून

यह लेख देहरादून नगर पर है। विस्तार हेतु देखें देहरादून जिला। देहरादून (Dehradun), देहरादून जिले का मुख्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली से २३० किलोमीटर दूर दून घाटी में बसा हुआ है। ९ नवंबर, २००० को उत्तर प्रदेश राज्य को विभाजित कर जब उत्तराखण्ड राज्य का गठन किया गया था, उस समय इसे उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) की अंतरिम राजधानी बनाया गया। देहरादून नगर पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसका विस्तृत पौराणिक इतिहास है। .

नई!!: देहरादून और देहरादून · और देखें »

देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

नई!!: देहरादून और देहरादून जिला · और देखें »

देहरादून का इतिहास

फारसी महाभारत में पाँचों पांडव और कृष्ण के साथ द्रोणाचार्यमान्यता है कि द्वापर युग में गुरु द्रोणाचार्य ने द्वारागांव के पास देहरादून शहर से 19 किमी पूर्व में देवदार पर्वत पर तप किया था। इसी से यह घाटी द्रोणाश्रम कहलाती है।.

नई!!: देहरादून और देहरादून का इतिहास · और देखें »

देहरादून के दर्शनीय स्थल

देहरादून पर्यटन स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। देहरादून की समीपवर्ती पहाड़ियाँ जो अपनी प्राकृतिक सुषमा के लिए जानी जाती हैं, मंदिर जो आस्था के आयाम हैं, अभयारण्य जो पशु-पक्षी के प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, रैफ्टिंग और ट्रैकिंग जो पहाड़ी नदी के तेज़ बहाव के साथ बहने व पहाड़ियों पर चढ़ने के खेल है और मनोरंजन स्थल जो आधुनिक तकनीक से बनाए गए अम्यूजमेंट पार्क हैं, यह सभी देहरादून में हैं। प्रमुख पर्यटन-स्थलों का विवरण इस प्रकार है- .

नई!!: देहरादून और देहरादून के दर्शनीय स्थल · और देखें »

देहरादून के पर्व और उत्सव

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, मेलों और त्यौहारों का हिस्सा है। मेले और त्यौहार बडे़ उत्साह के साथ निरन्तर रूप से मनाये जाते है। मेले और त्यौहार यहाँ के स्थानीय लोगों के आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते है। बहुत से मेले और त्यौहार भिन्न प्रकृति और रंगो के है। गढवाल को त्यौहारों की भूमि कहा जाता है। कुछ मेले जो पूरी तरह से क्षेत्र में लोकप्रिय है वें है-: .

नई!!: देहरादून और देहरादून के पर्व और उत्सव · और देखें »

देहरादून की प्रमुख इमारतें

Dehradun ghantaghar देहरादून का मशहूर घर। वन अनुसंधान संस्थान 1906 में इंम्पीरियल फोरेस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित यह इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट्री रिसर्च एंड एडूकेशन के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है। इसकी शैली ग्रीक रोमन वास्तुकला है। इसका मुख्य भवन राष्ट्रीय विरासत है जिसका उद्घघाटन 1921 में हुआ था। वन क्षेत्र में अपने शोध कार्य के लिए प्रसिद्ध इस संस्थान को एशिया में अपनी तरह के एक मात्र संस्थान होने का गौरव प्राप्त है। इंडियन मिलिटरी एकेडमी आईएमए की विशेषताओं में से एक है उसके चिटवुड भवन का स्थापत्य। १९३० में निर्मित इस भवन की डिजाइन आर टी रसेल ने तैयार की थी। यह भवन औपनिवेशिक और शुद्ध ब्रिटिश शैली का अनोखा उदाहरण है। इसके गलियारे काफी लंबे हैं और केंद्र में स्थित घंटाघर के साथ इसकी एकल छत है। ड्रिल स्क्वायर भवन के सामने है जो इसे एक तरह की पवित्रता प्रदान करने के साथ-साथ सैन्य संस्थान जैसी फिजा उपलब्ध कराता है। घंटाघर ईट और पत्थर से बना देहारादून का घंटा घर पलटन बाज़ार आनेवाले लोगों में आकर्षण का केंद्र है। इसमें एक मुख्य सीढ़ी है, जिसके सहारे सबसे ऊपरी तल पर पहुँचा जा सकता है। इसमें अर्द्ध गोलाकार खिड़कियाँ हैं। मीनार के शिखर पर सभी 6 आकृतियों में प्रत्येक पर घड़ी रखी हुई है। लाल और पीले रंग की संरचना वाली मीनार के सभी 6 भागों पर सीमेंट की जाली सजाई गई है। सभी 6 दरवाजों के ऊपर खूबसूरत झरोखे लगे हुए हैं। सीएनआई ब्यॉज इंटर कॉलेज ईंटों और पत्थरों की बनी इस संरचना में ईंटों का मुख्य तौर पर उपयोग किया गया है। बिल्डिंग की दीवारों को अंदर से प्लास्टर किया गया है तथा फर्श के लिए बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। मॉरीसन मेमोरियल चर्च राजपुर रोड पर स्थित यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने भवनों में से एक है। चर्च के अंदर और बाहर दोनों तरफ से प्लास्टर किया गया है। मुख्य हॉल की फर्श टेराजो की बनी है। छत से लगा खूबसूरत बोर्ड बिल्डिंग की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है। छत के रिज पर कई सारे सजावटी बोर्ड हैं जो रिज से लगे हुए हैं। इंटीरियर यानी आंतरिक भाग में उभरा हुआ छततिकोन चर्च के सौन्दर्य को और अधिक बढ़ा देता है। इनामुल्लाह भवन यह एक संतुलित रैखिक गृह-मुख है जो माप के हिसाब से 66 फीट है। इसके केंद्र में एक बहुकोणीय आर्क गेटवे है। इसके ग्राउंड और ऊपर की मंजिल के सामने एक आर्क कोलोनाडो है। भवन के ऊपर बीच-बीच में टरेट ओरनेट पारापेट है। इस भवन का अंत दाईं ओर षडभुजाकार कक्ष के साथ होता है जो इसे सड़क के साथ इसे एक विशिष्टता प्रदान करता है। बाईं ओर अस्तित्व में नहीं है। जामा मस्जिद देहरादून के मुख्य वाणिज्यिक क्षेत्र में स्थित यह मस्जिद इस्लामिक वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। आकार में आयताकार यह मस्जिद पूरब की ओर मुखातिब है। सिलिंडरनुमा बांसुरी के आकार के कॉलम के साथ सजावटी फूलदार डिजाइनों से मेहराब सजा हुआ है। आर्क वाली गैलरी और केंद्रीय स्थित के साथ यह संरचना शानदार भवन निर्माण कला का एक नमूना है। मस्जिद का आंतरिक कोरीडोर गुच्छानुमा आर्क और फूलों वाली डिजाइन तथा लटकती आकृति से युक्त है। आर्क युक्त गैलरी विभिन्न रंगों में रंगी है। श्रेणी:देहरादून श्रेणी:स्थापत्य.

नई!!: देहरादून और देहरादून की प्रमुख इमारतें · और देखें »

देहरादून की शिक्षा संस्थाएँ

देहरादून अपने उच्च सक्षणिक स्तर वाली शिक्षण संस्थाओं के लिये विख्यात है। यहाँ की कुछ शिक्षण संस्थाएं लगभग तीन सौ वर्ष पुरानी हैं। यहां कि कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थाएं इस प्रकार हैं.

नई!!: देहरादून और देहरादून की शिक्षा संस्थाएँ · और देखें »

देहरादून की समीपवर्ती पहाड़ियाँ

चकराता से उत्तराखण्ड की वादियों का एक दृश्यदेहरादून के आसपास अनेक पहाड़ियाँ है जो अपने प्राकृतिक वैभव या ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के कारण जानी जाती है। इनमें से प्रमुख हैं- चकराता शांत और प्रदूषण मुक्त परिवेश से सम्पन्न चकराता देहरादून से 98 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर कुछ बेहद खूबसूरत तथा शान्तमय दर्शनीय जगहें हैं। यह ट्रेकरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सम्पूर्ण जगह है। यहां के सबसे अधिक देखने लायक जंगलों में शंकुधारी, रोडोडेंड्रोन और ओक के वृक्ष शामिल हैं, जो काफी देर तक प्रकृति की वादियों में विचारने व विचरण करने का शानदार अवसर उपलब्ध कराता है। मसूरी देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी उन स्थानों में से एक है जहां लोग बार-बार जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। क्वीन ऑफ हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध मसूरी कई बेहद खूबसूरत जगहों से भरी है जो काफी संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहां के खुशनुमा मौसम के साथ-साथ सजीवता से भरा जीवन मसूरी को देश के उन हिल स्टेशनों में शुमार करता है जहां लोग सबसे अधिक जाना पसंद करते हैं। यह शहर ट्रेकिंग या हिमालय की वादियों में देवदार पेड़ों के साथ चलने का खुशनुमा अवसर उपलब्ध कराता है। कहने की जरुरत नहीं है कि यहां पर हर मौसम में आने वालों का तांता लगा रहता है। कैम्पटी झरना कैम्पटी झरना, जिसे अधिकाॅशत: अंग्रेजी भाषा के उच्चारण में Kempty Fall के नाम से बोला व जाना जाता है। यह प्राचीन और प्राकृतिक झरना है। यह जल-प्रपात देहरादून से लगभग पचास किलोमीटर की दूरी, मसूरी से पंद्रह किलोमीटर आगे उत्तर की ओर है। इस बहुत ऊँचाई से गिरते प्राकृतिक क जल स्रोत का पुनर्निमाण यानि पर्यटक स्थल के रूप में लगभग 150 वर्ष पूर्व, अंग्रेजी शासन काल के दौरान जौन मैकनन नामक अंग्रेज अधिकारी के द्वारा किया गया था। जो आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। सहस्रधारा सहस्त्रधारा या हजार झरनें देहरादून से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर राजपुर गांव के पास स्थित है। यहां स्थित सल्फर झरना त्वचा की बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है। इसकी चिकित्सा संबंधी कुछ अन्य उपादेयताएं भी हैं। खाने-पीने और अन्य तरह की चीजें बेचने वाली दुकानों के होने से यह जगह पिकनिक के लिहाज से बेहद उपयुक्त है। काफी परिवारो को यहां पर मौज-मस्ती करते हुए देखा जा सकता है। अन्य लोगों की तरह यह जगह बच्चों के बीच भी समान रूप से लोकप्रिय है। लाखामंडल प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी की तट पर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के और विभिन्न ऐतिहासिक काल के शिवलिंग मिले हैं। डाकपत्‍थर यह एक प्रसिद्ध और खूबसूरत पिकनिक स्थल है, जो देहरादून से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह के आर्कषणों में जल बिजली स्टेशन है, जो डाकपत्‍थर बैराज पर स्थित है। यहां पर कई गेस्ट हाउस हैं, जहां लोग ठहर सकते हैं और यहां की प्राकृतिक आभा का आनंद लेते हैं। श्रेणी:देहरादून जिला.

नई!!: देहरादून और देहरादून की समीपवर्ती पहाड़ियाँ · और देखें »

नैनीताल

नैनीताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। यह नैनीताल जिले का मुख्यालय भी है। कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यह 'छखाता' परगने में आता है। 'छखाता' नाम 'षष्टिखात' से बना है। 'षष्टिखात' का तात्पर्य साठ तालों से है। इस अंचल में पहले साठ मनोरम ताल थे। इसीलिए इस क्षेत्र को 'षष्टिखात' कहा जाता था। आज इस अंचल को 'छखाता' नाम से अधिक जाना जाता है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। .

नई!!: देहरादून और नैनीताल · और देखें »

बादशाह

बादशाह से इनका उल्लेख होता है.

नई!!: देहरादून और बादशाह · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: देहरादून और भारत · और देखें »

मसूरी

मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी.

नई!!: देहरादून और मसूरी · और देखें »

मिलीमीटर

मिलीमीटर लम्बाई या दूरी के मापन की ईकाई है। यह एक मीटर के एक हजारवें भाग के बराबर होता है। १ सेन्टीमीटर में १० मिलीमीटर होते हैं। श्रेणी:परिमाण की कोटि (लम्बाई).

नई!!: देहरादून और मिलीमीटर · और देखें »

मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

नई!!: देहरादून और मुग़ल साम्राज्य · और देखें »

यमुनोत्री

यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3235 मी.

नई!!: देहरादून और यमुनोत्री · और देखें »

रुड़की

रुड़की, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर और नगरपालिका परिषद है। इसे रुड़की छावनी के नाम से भी जाना जाता है और यह देश की सबसे पुरानी छावनियों में से एक है और १८५३ से बंगाल अभियांत्रिकी समूह (बंगाल सैप्पर्स) का मुख्यालय है। यह नगर गंग नहर के तट पर राष्ट्रीय राजमार्ग ५८ पर देहरादून और दिल्ली के मध्य स्थित है। .

नई!!: देहरादून और रुड़की · और देखें »

शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

नई!!: देहरादून और शाह जहाँ · और देखें »

शिमला

शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। 1864 में, शिमला को भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला को अक्सर पहाड़ों की रानी के रूप में जाना जाता है। .

नई!!: देहरादून और शिमला · और देखें »

शीतोष्ण कटिबन्ध

विश्व मानचित्र जिसमें समशीतोष्ण कटिबन्ध '''हरे रंग''' से दिखाया गया है। शीतोष्ण कटिबन्ध या समशीतोष्ण कटिबन्ध (temperate zone) ऊष्णकटिबन्ध और शीत कटिबन्ध के बीच का क्षेत्र कहलाता है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि यहाँ गर्मी और सर्दी के मौसम के तापमान में अधिक अन्तर नहीं होता। लेकिन यहाँ के कुछ क्षेत्रों में, जैसे मध्य एशिया और मध्य उत्तरी अमेरिका, जो समुद्र से काफ़ी दूर हैं, तापमान में काफ़ी परिवर्तन होता है और इन इलाकों में महाद्वीपीय जलवायु पाया जाता है। समशीतोष्ण कटिबन्धीय मौसम ऊष्णकटिबन्ध के कुछ इलाकों में भी पाया जा सकता है, खासतौर पर ऊष्णकटिबन्ध के पहाड़ी इलाकों में, जैसे एन्डीज़ पर्वत शृंखला। उत्तरी समशीतोष्ण कटिबन्ध उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा (तकरीबन २३.५° उ) से आर्कटिक रेखा (तकरीबन ६६.५° उ) तक तथा दक्षिणी समशीतोष्ण कटिबन्ध दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा (तकरीबन २३.५° द) से अंटार्कटिक रेखा (तकरीबन ६६.५° द) तक का क्षेत्र होता है। विश्व की बहुत बड़ी जनसंख्या समशीतोष्ण कटिबन्ध में— खासतौर पर उत्तरी समशीतोष्ण कटिबन्ध में— रहती है क्योंकि इस इलाके में भूमि की बहुतायत है। .

नई!!: देहरादून और शीतोष्ण कटिबन्ध · और देखें »

सेल्सियस

सेल्सियस तापमान मापने का एक पैमाना है। इसे सेन्टीग्रेड पैमाना भी कहते हैं। इस पैमाने के अनुसार पानी, सामान्य दबाव पर 0 डिग्री सेल्सियस पर जमता है और 100 डिग्री सेल्सियस पर उबलता है। सेल्सिस विश्व में तापमान के लिये सबसे लोकप्रिय माप है। यह पैमाना दैनिक वातावरणीय तथा अन्य कामों मे काफी प्रयुक्त होता है। अमेरिका व अन्य कई राष्ट्र सेल्सियस की बजाय फ़ारेनहाइट का प्रयोग करते हैं। विश्वभर के लिये मानक इकाई केल्विन है जिसकी स्केल (पैमाना) सेल्सियस से मिलती है। .

नई!!: देहरादून और सेल्सियस · और देखें »

हरिद्वार

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ३१३९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से २५३ किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब God Dhanwantari उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। ध्यातव्य है कि कुम्भ या महाकुम्भ से सम्बद्ध कथा का उल्लेख किसी पुराण में नहीं है। प्रक्षिप्त रूप में ही इसका उल्लेख होता रहा है। अतः कथा का रूप भी भिन्न-भिन्न रहा है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर १२वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। एक स्थान के महाकुम्भ से तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस प्रकार बारहवें वर्ष में एक चक्र पूरा होकर फिर पहले स्थान पर महाकुम्भ का समय आ जाता है। पूरी दुनिया से करोड़ों तीर्थयात्री, भक्तजन और पर्यटक यहां इस समारोह को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और गंगा नदी के तट पर शास्त्र विधि से स्नान इत्यादि करते हैं। एक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है। हरिद्वार जिला, सहारनपुर डिवीजनल कमिशनरी के भाग के रूप में २८ दिसम्बर १९८८ को अस्तित्व में आया। २४ सितंबर १९९८ के दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 'उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, १९९८' पारित किया, अंततः भारतीय संसद ने भी 'भारतीय संघीय विधान - उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०००' पारित किया और इस प्रकार ९ नवम्बर २०००, के दिन हरिद्वार भारतीय गणराज्य के २७वें नवगठित राज्य उत्तराखंड (तब उत्तरांचल), का भाग बन गया। आज, यह अपने धार्मिक महत्त्व के अतिरिक्त भी, राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में, तेज़ी से विकसित हो रहा है। तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक एस्टेट, राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम, SIDCUL (सिडकुल), भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और इसके सम्बंधित सहायक इस नगर के विकास के साक्ष्य हैं। .

नई!!: देहरादून और हरिद्वार · और देखें »

जॉलीग्राण्ट विमानक्षेत्र

देहरादून विमानक्षेत्र देहरादून में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VIDN और IATA कोड है DED। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक नहीं है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 3700 फी.

नई!!: देहरादून और जॉलीग्राण्ट विमानक्षेत्र · और देखें »

घण्टाघर, देहरादून

देहरादून का घण्टाघर। घण्टाघर देहरादून भारत के उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित घण्टाघर है। इसका निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान अंग्रेज़ो द्वारा करवाया गया था। travelomy.com पर। यह घण्टाघर षट्कोणीय आकार का है जिसके शीर्ष पर छः मुखों पर छः घड़ियाँ लगी हुई हैं, हालांकि यह घड़िया चालू हालत में नहीं हैं। देहरादून का यह घण्टाघर बिना घण्टानाद का सबसे बड़ा घण्टाघर है। इसका षट्कोणनुमा ढाँचा अपने प्रकार का एशिया में विरला है। Doonsafari पर। यह घण्टाघर ईंटों और पत्थरों से निर्मित है और इसके षट्कोणीय आकार की हर दीवार पर प्रवेशमार्ग बना हुआ है। इसके मध्य में स्थित सीढ़ियाँ इसके ऊपरी तल तक जाती हैं जहाँ अर्धवृत्ताकार खिड़कियाँ हैं। देहरादून का घण्टाघर नगर में सबसे सौन्दर्यपूर्ण संरचना है। यह घण्टाघर देहरादून की सबसे व्यस्त राजपुर रोड के मुहाने पर स्थित है और यह यहाँ की प्रमुख व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र है। घण्टाघर को दूरी से भी देखा जा सकता है। पहले घण्टाघर का घण्टानाद देहरादून के दूर-दूर के स्थानों से भी श्रव्य था, लेकिन अब यह घण्टाघर देहरादून का केवल स्थलचिह्न मात्र है अब जिसके चारों ओर दुकानें, सिनेमाघर, सरकारी भवन, पर्यटक स्थल इत्यादि बन आए हैं। .

नई!!: देहरादून और घण्टाघर, देहरादून · और देखें »

वन अनुसंधान संस्थान

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, दूर से वन अनसंधान संस्थान, मुख्य द्वार वन अनुसंधान संस्थान (एफ़ आर आई), १९१७ देहरादून शहर में घंटाघर से ७ कि॰मी॰ दूर देहरादून-चकराता मोटर-योग्य मार्ग पर स्थित भारतीय वन अनुसंधान संस्थान भारत का सबसे बड़ा वन आधारित प्रशिक्षण संस्थान है। भारत के अधिकांश वन अधिकारी इसी संस्थान से आते हैं। वन अनुसंधान संस्थान का भवन बहुत शानदार है तथा इसमें एक संग्रहालय भी है। इसकी स्थापना १९०६ में इंपीरियल फोरेस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में की गई थी। यह इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट रिसर्च एंड एडूकेशन के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है। इसकी शैली ग्रीक-रोमन वास्तुकला है और इसके मुख्य भवन को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया जा चुका है। इसका उद्घघाटन १९२१ में किया गया था और यह वन से संबंधित हर प्रकार के अनुसंधान के लिए में प्रसिद्ध है। एशिया में अपनी तरह के इकलौते संस्थान के रूप में यह दुनिया भर में प्रख्यात है। २००० एकड़ में फैला एफआरआई का डिजाइन विलियम लुटयंस द्वारा किया गया था। इसमें ७ संग्रहालय हैं और तिब्बत से लेकर सिंगापुर तक सभी तरह के पेड़-पौधे यहां पर हैं। तभी तो इसे देहरादून की पहचान और गौरव कहा जाता है। .

नई!!: देहरादून और वन अनुसंधान संस्थान · और देखें »

आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

नई!!: देहरादून और आगरा · और देखें »

कुमाऊँ मण्डल

यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैं:-.

नई!!: देहरादून और कुमाऊँ मण्डल · और देखें »

अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

नई!!: देहरादून और अशोक · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: देहरादून और उत्तर प्रदेश · और देखें »

ऋषिकेश

ऋषिकेश (संस्कृत: हृषीकेश) उत्तराखण्ड के देहरादून जिले का एक नगर, हिन्दू तीर्थस्थल, नगरपालिका तथा तहसील है। यह गढ़वाल हिमालय का प्रवेश्द्वार एवं योग की वैश्विक राजधानी है। ऋषिकेश, हरिद्वार से २५ किमी उत्तर में तथा देहरादून से ४३ किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। हिमालय का प्रवेश द्वार, ऋषिकेश जहाँ पहुँचकर गंगा पर्वतमालाओं को पीछे छोड़ समतल धरातल की तरफ आगे बढ़ जाती है। ऋषिकेश का शांत वातावरण कई विख्यात आश्रमों का घर है। उत्तराखण्ड में समुद्र तल से 1360 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऋषिकेश भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है। हर साल यहाँ के आश्रमों के बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं। विदेशी पर्यटक भी यहाँ आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते हैं। .

नई!!: देहरादून और ऋषिकेश · और देखें »

१६५४

1654 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १६५४ · और देखें »

१७७२

1772 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १७७२ · और देखें »

१७८३

1783 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १७८३ · और देखें »

१७८६

1786 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १७८६ · और देखें »

१८०१

1801 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८०१ · और देखें »

१८१४

1814 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८१४ · और देखें »

१८१५

1815 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८१५ · और देखें »

१८२५

1825 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८२५ · और देखें »

१८२८

1828 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८२८ · और देखें »

१८२९

1829 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८२९ · और देखें »

१८४२

प 1842 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८४२ · और देखें »

१८७१

1871 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १८७१ · और देखें »

१९६८

1968 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और १९६८ · और देखें »

२०००

2000 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: देहरादून और २००० · और देखें »

९ नवम्बर

९ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१३वॉ (लीप वर्ष में ३१४ वॉ) दिन है। साल में अभी और ५२ दिन बाकी है। .

नई!!: देहरादून और ९ नवम्बर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »