देवनागरी और बौद्ध कला
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देवनागरी और बौद्ध कला के बीच अंतर
देवनागरी vs. बौद्ध कला
'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि . बुद्ध के चरणचिह्न (प्रथम शताब्दी), गान्धार शैली बौद्ध कला से आशय बौद्ध धर्म से प्रभावित कलाओं से है। अन्य कलाओं के अतिरिक्त इसमें वे सभी कला माध्यम हैं जिनमें महात्मा बुद्ध, बोधिसत्व तथा अन्य का निरूपण है, उल्लेखनीय बौद्ध व्यक्तित्व, मण्डल, वज्र, घण्टे, स्तूप, तथा बौद्ध मंदिर शिल्प। बौद्ध कला का उद्भव भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ। .
देवनागरी और बौद्ध कला के बीच समानता
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संदर्भ
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