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दीर्घवृत्त और श्रीनिवास रामानुजन्

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दीर्घवृत्त और श्रीनिवास रामानुजन् के बीच अंतर

दीर्घवृत्त vs. श्रीनिवास रामानुजन्

कार्तीय निर्देशांक पद्धति में '''दीर्घवृत्त''' गणित में दीर्घवृत्त एक ऐसा शांकव होता है जिसकी उत्केन्द्रता इकाई से कम होती है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार, दीर्घवृत्त ऐसे बिन्दुओं का बिन्दुपथ है जिनकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरी का योग सदैव अचर रहता है। इन निश्चित बिन्दुओं को दीर्घवृत्त की नाभियाँ (Focus) कहते हैं। माना जाता है कि पृथ्वी सहित कई ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमते हैं और इस दीर्घवृत्त की एक नाभि पर सूर्य अवस्थित होता है। दीर्घवृत्त इस प्रकार, यह एक वृत्त का सामान्यीकृत रूप होता है। वृत्त एक विशेष प्रकार का दीर्घवृत्त होता है जिसमें दोनों नाभियाँ एक ही स्थान पर होती हैं। एक दीर्घवृत्त का आकार इसकी उत्केन्द्रता से दर्शाया जाता है, जिसका मान दीर्घवृत्त के लिए 0 से लेकर 1 के मध्य होता है। यदि किसी दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता 0 हो तो वह दीर्घवृत्त, एक वृत्त होता है। . श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (तमिल ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார்) (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है। इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए वरन भारत को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किया। ये बचपन से ही विलक्षण प्रतिभावान थे। इन्होंने खुद से गणित सीखा और अपने जीवनभर में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया। इनमें से अधिकांश प्रमेय सही सिद्ध किये जा चुके हैं। इन्होंने गणित के सहज ज्ञान और बीजगणित प्रकलन की अद्वितीय प्रतिभा के बल पर बहुत से मौलिक और अपारम्परिक परिणाम निकाले जिनसे प्रेरित शोध आज तक हो रहा है, यद्यपि इनकी कुछ खोजों को गणित मुख्यधारा में अब तक नहीं अपनाया गया है। हाल में इनके सूत्रों को क्रिस्टल-विज्ञान में प्रयुक्त किया गया है। इनके कार्य से प्रभावित गणित के क्षेत्रों में हो रहे काम के लिये रामानुजन जर्नल की स्थापना की गई है। .

दीर्घवृत्त और श्रीनिवास रामानुजन् के बीच समानता

दीर्घवृत्त और श्रीनिवास रामानुजन् आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): गणित

गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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दीर्घवृत्त और श्रीनिवास रामानुजन् के बीच तुलना

दीर्घवृत्त 11 संबंध है और श्रीनिवास रामानुजन् 21 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.12% है = 1 / (11 + 21)।

संदर्भ

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