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दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति के बीच अंतर

दीप्त तीव्रता vs. मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति

प्रकाशमिति में में, प्रकाश स्रोत से दिशा विशेष में, इकाई ठोस कोण में, निकलने वाली तरंग-दैर्घ्य-भारित शक्ति को दीप्त तीव्रता (ल्युमिनस इन्टेन्सिटी) कहते हैं। यह प्रकाशीय सूत्र (luminosity function) पर आधारित है, जो की एक मानवीय आँख की संवेदनशीलता का एक मानकीकृत प्रतिरूप है। इसकी SI इकाई कैंडिला (cd) है। श्रेणी:भौतिक मात्राएं श्रेणी:प्रकाश श्रेणी:फोटोमेट्री. मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति (The MKS system) भौतिक इकाइयों की वह प्रणाली है जिसमें जिसमें किसी मापन को मीटर, किलोग्राम या/और सेकेण्ड का मूल मात्रकों के रूप में उपयोग करते हुए अभिव्यत किया जाता है। सन १९०१ में गिओवानि गिओर्गी (Giovanni Giorgi) ने एसोशिएशन एलेक्त्रोतेक्निका इटैलिआना (Associazione elettrotecnica italiana (AEI)) के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि इस प्रणाली को, विद्युतचुम्बकत्व से एक चौथी इकाई मिलाकर, अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली के रूप में प्रयोग किया जाय। .

दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति के बीच समानता

दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति के बीच तुलना

दीप्त तीव्रता 4 संबंध है और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 11.11% है = 1 / (4 + 5)।

संदर्भ

यह लेख दीप्त तीव्रता और मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: