दिल्ली के दर्शनीय स्थल और मुगल शैली
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दिल्ली के दर्शनीय स्थल और मुगल शैली के बीच अंतर
दिल्ली के दर्शनीय स्थल vs. मुगल शैली
दिल्ली भारत की राजधानी ही नहीं पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र भी है। राजधानी होने के कारण भारतीय सरकार के अनेक कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन आदि अनेक आधुनिक स्थापत्य के नमूने तो यहाँ देखे ही जा सकते हैं प्राचीन नगर होने का कारण इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। पुरातात्विक दृष्टि से कुतुबमीनार और लौह स्तंभ जैसे विश्व प्रसिद्ध निर्माण यहाँ पर आकर्षण का केंद्र समझे जाते हैं। एक ओर हुमायूँ का मकबरा जैसा मुगल शैली की ऐतिहासिक राजसिक इमारत यहाँ है तो दूसरी ओर निज़ामुद्दीन औलिया की पारलौकिक दरगाह। लगभग सभी धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल यहाँ हैं विरला मंदिर, बंगला साहब का गुरुद्वारा, बहाई मंदिर और देश पर जान देने वालों का स्मारक भी राजपथ पर इसी शहर में निर्मित किया गया है। भारत के प्रधान मंत्रियों की समाधियाँ हैं, जंतर मंतर है, लाल किला है साथ ही अनेक प्रकार के संग्रहालय और बाज़ार हैं जो दिल्ली घूमने आने वालों का दिल लूट लेते हैं। . यह एक प्रमुख भारतीय चित्रकला शैली हैं। मुगल शैली का विकास चित्रकला की स्वदेशी भारतीय शैली और फारसी चित्रकला की सफाविद शैली के एक उचित संश्लेषण के परिणामस्वरुप हुआ था श्रेणी:आधार श्रेणी:भारतीय चित्रकला.
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संदर्भ
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