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दिगम्बर साधु और श्रावक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दिगम्बर साधु और श्रावक के बीच अंतर

दिगम्बर साधु vs. श्रावक

आचार्य विद्यासागर, एक प्रमुख दिगम्बर मुनि दिगम्बर साधु जिन्हें मुनि भी कहा जाता है सभी परिग्रहों का त्याग कर कठिन साधना करते है। दिगम्बर मुनि अगर विधि मिले तो दिन में एक बार भोजन और तरल पदार्थ ग्रहण करते है। वह केवल पिच्छि, कमण्डल और शास्त्र रखते है। इन्हें निर्ग्रंथ भी कहा जाता है जिसका अर्थ है " बिना किसी बंधन के"। . जैन धर्म में श्रावक शब्द का प्रयोग गृहस्थ के लिए किया गया हैं। श्रावक अहिंसा आदि व्रतों को संपूर्ण रूप से स्वीकार करने में असमर्थ होता हैं किंतु त्यागवृत्तियुक्त, गृहस्थ मर्यादा में ही रहकर अपनी त्यागवृत्ति के अनुसार इन व्रतों को अल्पांश में स्वीकार करता है। श्रावक शब्द का मूल 'श्रवण' शब्द में हैं, अर्थात, वह जो (संतों के प्रवचन) सुनता हैं। उपासक, अणुव्रती, देशविरत, सागार आदि श्रावक के पर्यायी शब्द हैं। जैन ग्रंथ, तत्वार्थ सूत्र के अनुसार: .

दिगम्बर साधु और श्रावक के बीच समानता

दिगम्बर साधु और श्रावक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): तत्त्वार्थ सूत्र

तत्त्वार्थ सूत्र

तत्त्वार्थसूत्र, जैन आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित एक जैन ग्रन्थ है। इसे 'तत्त्वार्थ-अधिगम-सूत्र' तथा 'मोक्ष-शास्त्र' भी कहते हैं। संस्कृत भाषा में लिखा गया यह प्रथम जैन ग्रंथ माना जाता है। इसमें दस अध्याय तथा ३५० सूत्र हैं। उमास्वामी सभी जैन मतावलम्बियों द्वारा मान्य हैं। उनका जीवनकाल द्वितीय शताब्दी है। आचार्य पूज्यपाद द्वारा विरचित सर्वार्थसिद्धि तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी एक प्रमुख टीका है। .

तत्त्वार्थ सूत्र और दिगम्बर साधु · तत्त्वार्थ सूत्र और श्रावक · और देखें »

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दिगम्बर साधु और श्रावक के बीच तुलना

दिगम्बर साधु 20 संबंध है और श्रावक 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.17% है = 1 / (20 + 4)।

संदर्भ

यह लेख दिगम्बर साधु और श्रावक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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