लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

दशरथ और विजय (रामायण)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दशरथ और विजय (रामायण) के बीच अंतर

दशरथ vs. विजय (रामायण)

दशरथ ऋष्यश्रृंग को लेने के लिए जाते हुए दशरथ वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या के रघुवंशी (सूर्यवंशी) राजा थे। वह इक्ष्वाकु कुल के थे तथा प्रभु श्रीराम, जो कि विष्णु का अवतार थे, के पिता थे। दशरथ के चरित्र में आदर्श महाराजा, पुत्रों को प्रेम करने वाले पिता और अपने वचनों के प्रति पूर्ण समर्पित व्यक्ति दर्शाया गया है। उनकी तीन पत्नियाँ थीं – कौशल्या, सुमित्रा तथा कैकेयी। अंगदेश के राजा रोमपाद या चित्ररथ की दत्तक पुत्री शान्ता महर्षि ऋष्यशृंग की पत्नी थीं। एक प्रसंग के अनुसार शान्ता दशरथ की पुत्री थीं तथा रोमपाद को गोद दी गयीं थीं। . विजय वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या के महाराज दशरथ के कूटनीतिक मंत्रियों में से एक थे। उनके अन्य मंत्रियों के नाम इस प्रकार थे – धृष्टि, जयन्त, सुराष्ट्र, राष्ट्रवर्धन, अकोप, धर्मपाल तथा सुमन्त्र .

दशरथ और विजय (रामायण) के बीच समानता

दशरथ और विजय (रामायण) आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रामायण, सुमन्त्र, वाल्मीकि

रामायण

रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .

दशरथ और रामायण · रामायण और विजय (रामायण) · और देखें »

सुमन्त्र

सुमन्त्र वाल्मीकि रामायण में अयोध्या के महाराज दशरथ के आठ कूटनीतिक मंत्रियों में से एक थे और रामायण में सबसे मुख्य मंत्री थे जो राजा को सर्वदा उचित सलाह देते हैं। वह राजा के दरबार में सात मंत्रियों के बाद में आठवें मंत्री थे फिर भी राजा दशरथ उन्हीं से सलाह लेते थे। उनसे पहले जो मुख्य सात मंत्री थे वह इस प्रकार थे – धृष्टि, जयन्त, विजय, सुराष्ट्र, राष्ट्रवर्धन, अकोप तथा धर्मपाल। वह सुमन्त्र ही थे जो राम, सीता तथा लक्ष्मण को वनगमन के दौरान अपने रथ में अयोध्या से गंगा के तट तक छोड़ने आये। .

दशरथ और सुमन्त्र · विजय (रामायण) और सुमन्त्र · और देखें »

वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीक (संस्कृत: महर्षि वाल्मीक) प्राचीन भारतीय महर्षि हैं। ये आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होने संस्कृत में रामायण की रचना की। उनके द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। रामायण एक महाकाव्य है जो कि श्रीराम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य से, कर्तव्य से, परिचित करवाता है।http://timesofindia.indiatimes.com/india/Maharishi-Valmeki-was-never-a-dacoit-Punjab-Haryana-HC/articleshow/5960417.cms आदिकवि शब्द 'आदि' और 'कवि' के मेल से बना है। 'आदि' का अर्थ होता है 'प्रथम' और 'कवि' का अर्थ होता है 'काव्य का रचयिता'। वाल्मीकि ऋषि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है। प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये। वाल्मीकि एक आदि कवि थे पर उनकी विशेषता यह थी कि वे कोई ब्राह्मण नहीं थे, बल्कि केवट थे।। .

दशरथ और वाल्मीकि · वाल्मीकि और विजय (रामायण) · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

दशरथ और विजय (रामायण) के बीच तुलना

दशरथ 22 संबंध है और विजय (रामायण) 11 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 9.09% है = 3 / (22 + 11)।

संदर्भ

यह लेख दशरथ और विजय (रामायण) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »