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दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर के बीच अंतर

दर्शन का इतिहास vs. सर कार्ल पॉपर

सभ्यता के प्रारम्भ से ही दर्शन विद्यावान् लोगों के बीच विशेष अभिरुचि का विषय रहा है। भारत में वेदों एवं उपनिषदों के समय से ही दार्शनिक जिज्ञासा एवं दार्शनिक चिन्तन का ज्ञानपिपासु पृच्छाशील विद्वानों और बुद्धजीवियों के बीच प्रचलित प्रतिष्ठित रहे। उदाहरण के लिए ऋग्वेद में जहाँ-तहाँ सृष्टि के प्रारम्भ, दृश्यमान जगत् के उपादान द्रव्य एवं रचयिता आदि के सम्बन्ध में काव्यात्मक ढंग से प्रश्न उठाये गये। प्रसिद्ध नारदीय सूक्त इस कोटि की प्रश्नाकुलता तथा जिज्ञासा का श्रेष्ठ निदर्शन है। यहाँ ध्यातव्य है कि ऋग्वेद भाषाबद्ध साहित्य का प्रायः सबसे प्राचीन उदाहरण है। ऋग्वेद का रचना-काल प्रायः 3000 से 1500 ई. पू. सर कार्ल पॉपर (28 जुलाई 1902 –17 सितंबर 1994) एक ऑस्ट्रियाई-ब्रिटिश दार्शनिक और प्रोफेसर थे। उन्हें बीसवीं सदी के महान विज्ञान के दार्शनिकों में गिना जाता है। .

दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर के बीच समानता

दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): तत्त्वमीमांसा

तत्त्वमीमांसा

तत्त्वमीमांसा (Metaphysics), दर्शन की वह शाखा है जो किसी ज्ञान की शाखा के वास्तविकता (reality) का अध्ययन करती है। परम्परागत रूप से इसकी दो शाखाएँ हैं - ब्रह्माण्ड विद्या (Cosmology) तथा सत्तामीमांसा या आन्टोलॉजी (ontology)। तत्वमीमांसा में प्रमुख प्रश्न ये हैं-.

तत्त्वमीमांसा और दर्शन का इतिहास · तत्त्वमीमांसा और सर कार्ल पॉपर · और देखें »

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दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर के बीच तुलना

दर्शन का इतिहास 16 संबंध है और सर कार्ल पॉपर 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.56% है = 1 / (16 + 2)।

संदर्भ

यह लेख दर्शन का इतिहास और सर कार्ल पॉपर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: