दण्डसंहिता और विधि
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
दण्डसंहिता और विधि के बीच अंतर
दण्डसंहिता vs. विधि
दण्डसंहिता (criminal code या penal code) उस दस्तावेज को कहते हैं जिसमें किसी प्राधिकारी (जैसे देश या प्रान्त) के सभी या अधिकांश दण्ड विधान संकलित होते हैं। उदाहरण के लिए भारतीय दण्ड संहिता में भारत में किए गये विभिन्न आपराधिक कृत्यों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के दण्ड का वर्णन है। किसी दण्डसंहिता में प्रायः विभिन्न प्रकार के अपराधों का वर्णन/परिभाषा होती है, उन अपराधों के सिद्ध हो जाने पर दिये जाने वाले दण्ड तथा कुछ सामान्य बातें (जैसे परिभाषा, पूर्वव्यापी अभियोजन का निषेध (prohibitions on retroactive prosecution) आदि) . विधि (या, कानून) किसी नियमसंहिता को कहते हैं। विधि प्रायः भलीभांति लिखी हुई संसूचकों (इन्स्ट्रक्शन्स) के रूप में होती है। समाज को सम्यक ढंग से चलाने के लिये विधि अत्यन्त आवश्यक है। विधि मनुष्य का आचरण के वे सामान्य नियम होते है जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किये जाते है, जिनका पालन अनिवर्य होता है। पालन न करने पर न्यायपालिका दण्ड देता है। कानूनी प्रणाली कई तरह के अधिकारों और जिम्मेदारियों को विस्तार से बताती है। विधि शब्द अपने आप में ही विधाता से जुड़ा हुआ शब्द लगता है। आध्यात्मिक जगत में 'विधि के विधान' का आशय 'विधाता द्वारा बनाये हुए कानून' से है। जीवन एवं मृत्यु विधाता के द्वारा बनाया हुआ कानून है या विधि का ही विधान कह सकते है। सामान्य रूप से विधाता का कानून, प्रकृति का कानून, जीव-जगत का कानून एवं समाज का कानून। राज्य द्वारा निर्मित विधि से आज पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। राजनीति आज समाज का अनिवार्य अंग हो गया है। समाज का प्रत्येक जीव कानूनों द्वारा संचालित है। आज समाज में भी विधि के शासन के नाम पर दुनिया भर में सरकारें नागरिकों के लिये विधि का निर्माण करती है। विधि का उदेश्य समाज के आचरण को नियमित करना है। अधिकार एवं दायित्वों के लिये स्पष्ट व्याख्या करना भी है साथ ही समाज में हो रहे अनैकतिक कार्य या लोकनीति के विरूद्ध होने वाले कार्यो को अपराध घोषित करके अपराधियों में भय पैदा करना भी अपराध विधि का उदेश्य है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1945 से लेकर आज तक अपने चार्टर के माध्यम से या अपने विभिन्न अनुसांगिक संगठनो के माध्यम से दुनिया के राज्यो को व नागरिकों को यह बताने का प्रयास किया कि बिना शांति के समाज का विकास संभव नहीं है परन्तु शांति के लिये सहअस्तित्व एवं न्यायपूर्ण दृष्टिकोण ही नहीं आचरण को जिंदा करना भी जरूरी है। न्यायपूर्ण समाज में ही शांति, सदभाव, मैत्री, सहअस्तित्व कायम हो पाता है। .
दण्डसंहिता और विधि के बीच समानता
दण्डसंहिता और विधि आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मुकदमा, अपराध।
कानून में मुकदमा एक नागरिक-क्रिया है जो किसी न्यायालय के समक्ष की जाती है। इसमें अभ्यर्थी (plaintiff) न्यायालय से विधिक उपचार या साम्या की याचना करता है। अभ्यर्थी की शिकायत पर एक या अधिक प्रतिवादी (defendant) अपनी सफाई देते हैं। यदि अभ्यर्थी सफल होता है तो न्यायालय उसे उसके अधिकारों को लागू कराने, क्षतिपुर्ति (damages) दिलवाने आदि का आदेश देता है। .
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अपराध या दंडाभियोग (crime) की परिभाषा भिन्न-भिन्न रूपों में की गई है; यथा,.
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दण्डसंहिता और विधि के बीच तुलना
दण्डसंहिता 6 संबंध है और विधि 27 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 6.06% है = 2 / (6 + 27)।
संदर्भ
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