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द बीटल्स और सितार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

द बीटल्स और सितार के बीच अंतर

द बीटल्स vs. सितार

द बिटल्स का प्रतीक चिह्न द बीटल्स १९६० का एक अन्ग्रेज़ी रॉक बैन्ड था जिसका निर्माण लिवरपूल में किया गया था। जॉन लेनन, पॉल मेकारटनि, जोर्ज हैरिसन और रिंगो स्टार के साथ वे व्यापक प्रभावशाली कलाकार के रूप मे माने जाते है। १९५० के दशक के रॉक एन्ड ऱोल के शैलि मे शुरु किया था और उस्के बाद बीटल्स ने कई सारे शैलियों के साथ प्रयोग किया। पॉप गाथगीत से साइकेडेलिक् रॉक को लेकर वह अक्सर शास्त्रीय ततवो को अपनाकर, अभिनव तारीके से इन ततवो को अपने संगीत मे शामिल करते। १९६० के काल मे बीटल्स को बहुत लोकप्रियता मिलि। जब वह "बीटलमेनिया" के रूप मे उभरे। लेकिन जैसे उन्के गीत लेखन कि व्रिधि हुइ वे सामाजिक और सांस्कृतिक क्रितियो के द्वारा अपने आदर्शें के अवतार के रूप से माना जाने लगे। १९६० मे सथापित हुए बीटल्स ने अप्नि ख्याति लिवरपूल और हैम्बर्ग मे कल्ब खोल्कर तीन साल कि अवधि मे लोकप्रियताअर्जित कि। प्रबन्धक बरायन एप्स्तटाईण एक पेशवर अधिनियम मे डाला और निर्माता जार्ज मार्टीन उन्के संगीत की क्शम्ता बडाई। १९६२ मे "लव मी डू: उन्का पहला हिट होने के बाद ब्रिटेन मे प्रसिधि हासिल की। वे "बीटल्मैनिया" के नाम से माने जाने लगे। वह उप्नाम "फैब फोर" के रूप से माने जाने लगे। जल्दि १९६४ मे प्रमुख अन्तरासश्ट्ऱीय सितारे बन गए जो अमेरिका पॉप बाज़ार के "ब्रिटीश आक्रमण" के संयुक्त बने। पर १प६५ से बीटल्स कई प्रभावशालि एल्बम बनाए जैसे रबर सोल (१९६५), रिवाल्वर (१९६६), सार्जिट पेपर्स लोनली हार्टस कल्ब बैन्ड (१९६७), द बीटल्स (सफेद एल्बम) (१९६८) और अभय रोड (१९६९)। १९७० मे उन्के टूट्ने के बाद वे एकल वयवसाय का आनन्द लिया। लेनन को दिसम्बर १९८० मे गोलि मार दिया गया और हैरिसन को नवम्बर २०११ मे फेफड़ों के कैनसर के कारण म्र्त्यु हो गई। मेकारटनि और स्टार, बाकी सदस्य अपने संगीत को जारि रखा। RIAA के अनुसार बीटल्स प्रमाणीत इकाइयो के साथ, सयुन्क्त रज्य अमेरिका मे सब्से ज़्यादा बिक्ने वाला बैन्ड था। वे ब्रिटिश चार्ट पर अधिक सन्ख्या मे सबसे अवल एलब्म था। २००८ मे समुह के सबसे सफल "हाट १००" कलाकारो मे बिलबोर्ड पत्रिका की सूची मे सबसे उपर रहे। २०१४ के रूप मे वे सबसे अधिक सन्ख्या मे एक २० के साथ हाट १०० चार्ट पर रेकार्ड पकडा रखा। वे दस ग्रैमी पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर के लिए एक अकादमि पुरस्कार और १५ इवोर नोवेलो पुरस्कार प्राप्त किए है। सामुस्टोनहिक रूप से २०वी सदि के १०० सबसे प्रभाव्शालि लोगो की टाइम पत्रिका के सन्कलन मे शामिल है। वे EMI रिकार्ड्स मे अरसे से ज़्यादा इकाइयों की बिक्री के आकलन के साथ मे इतिहास मे अधिक बिकने वाला बैन्ड है। २००४ मे रोलिंग स्टोन सभी समय के महान्तम कलाकार के रूप मे बीटल्स स्थान पर रहे। . सितार भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है, जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है। इसके इतिहास के बारे में अनेक मत हैं किंतु अपनी पुस्तक भारतीय संगीत वाद्य में प्रसिद्ध विचित्र वीणा वादक डॉ लालमणि मिश्र ने इसे प्राचीन त्रितंत्री वीणा का विकसित रूप सिद्ध किया। सितार पूर्ण भारतीय वाद्य है क्योंकि इसमें भारतीय वाद्योँ की तीनों विशेषताएं हैं। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं। कहा जाता है कि भारतीय तन्त्री वाद्यों का सर्वाधिक विकसित रूप है। आधुनिक काल में सितार के तीन घराने अथवा शैलियाँ इस के वैविध्य को प्रकाशित करते रहे हैं। बाबा अलाउद्दीन खाँ द्वारा दी गयी तन्त्रकारी शैली जिसे पण्डित रविशंकर निखिल बैनर्जी ने अपनाया दरअसल सेनी घराने की शैली का परिष्कार थी। अपने बाबा द्वारा स्थापित इमदादखानी शैली को मधुरता और कर्णप्रियता से पुष्ट किया उस्ताद विलायत खाँ ने। पूर्ण रूप से तन्त्री वाद्यों हेतु ही वादन शैली मिश्रबानी का निर्माण डॉ लालमणि मिश्र ने किया तथा सैंकडों रागों में हजारों बन्दिशों का निर्माण किया। ऐसी ३०० बन्दिशों का संग्रह वर्ष २००७ में प्रकाशित हुआ है। सितार से कुछ बड़ा वाद्य सुर-बहार आज भी प्रयोग में है किन्तु सितार से अधिक लोकप्रिय कोई भी वाद्य नहीं है। इसकी ध्वनि को अन्य स्वरूप के वाद्य में उतारने की कई कोशिशें की गई, किन्तु ढांचे में निहित तन्त्री खिंचाव एवं ध्वनि परिमार्जन के कारण ठीक वैसा ही माधुर्य प्राप्त नहीं किया जा सका। गिटार की वादन शैली से सितार समान स्वर उत्पन्न करने की सम्भावना रन्जन वीणा में कही जाती है किन्तु सितार जैसे प्रहार, अन्गुली से खींची मींड की व्यवस्था न हो पाने के कारण सितार जैसी ध्वनि नहीं उत्पन्न होती। मीराबाई कृष्ण भजन में सितार का प्रयोग करती थी। .

द बीटल्स और सितार के बीच समानता

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संदर्भ

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