त्रिपिटक और बौद्ध ग्रंथ के बीच समानता
त्रिपिटक और बौद्ध ग्रंथ आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पालि भाषा, पालि भाषा का साहित्य।
पालि भाषा
ब्राह्मी तथा भाषा '''पालि''' है। पालि प्राचीन उत्तर भारत के लोगों की भाषा थी। जो पूर्व में बिहार से पश्चिम में हरियाणा-राजस्थान तक और उत्तर में नेपाल-उत्तरप्रदेश से दक्षिण में मध्यप्रदेश तक बोली जाती थी। भगवान बुद्ध भी इन्हीं प्रदेशो में विहरण करते हुए लोगों को धर्म समझाते रहे। आज इन्ही प्रदेशों में हिंदी बोली जाती है। इसलिए, पाली प्राचीन हिन्दी है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में की एक बोली या प्राकृत है। इसको बौद्ध त्रिपिटक की भाषा के रूप में भी जाना जाता है। पाली, ब्राह्मी परिवार की लिपियों में लिखी जाती थी। .
त्रिपिटक और पालि भाषा · पालि भाषा और बौद्ध ग्रंथ ·
पालि भाषा का साहित्य
पालि साहित्य में मुख्यत: बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान् बुद्ध के उपदेशों का संग्रह है। किंतु इसका कोई भाग बुद्ध के जीवनकाल में व्यवस्थित या लिखित रूप धारण कर चुका था, यह कहना कठिन है। .
त्रिपिटक और पालि भाषा का साहित्य · पालि भाषा का साहित्य और बौद्ध ग्रंथ ·
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त्रिपिटक और बौद्ध ग्रंथ के बीच तुलना
त्रिपिटक 23 संबंध है और बौद्ध ग्रंथ 7 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 2 / (23 + 7)।
संदर्भ
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