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त्रिज्या और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

त्रिज्या और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ के बीच अंतर

त्रिज्या vs. बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ

किसी वृत्त के केंद्र से परिधि तक की दूरी को 'त्रिज्या' या 'अर्धव्यास' कहते हैं त्रिज्या या अर्धव्यास किसी वृत्त के केन्द्र से उसकी परिधि तक की दूरी को कहते हैं। . खगोलिकी में कोई भी ग्रह दूर से देखे जाने पर अपने पितृ तारे (जिसके इर्द-गिर्द वह कक्षा या ऑरबिट में हो) की कांति के सामने लगभग अदृश्य होता है। उदाहरण के लिए हमारा सूर्य हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह से एक अरब गुना से भी अधिक चमक रखता है। वैसे भी ग्रहों की चमक केवल उनके द्वारा अपने पितृतारे के प्रकाश के प्रतिबिम्ब से ही आती है और पितृग्रह की भयंकर चमके के आगे धुलकर ग़ायब-सी हो जाती है। यही कारण है कि बहुत ही कम मानव-अनवेषित बहिर्ग्रह (यानि हमारे सौर मंडल से बाहर स्थित ग्रह) सीधे उनकी छवि देखे जाने से पाए गए हैं। इसकी बजाय लगभग सभी ज्ञात बहिर्ग्रह परोक्ष विधियों से ढूंढे गए हैं, और खगोलज्ञों ऐसी विधियों का तीव्रता से विस्तार कर रहे हैं।Stuart Shaklan.

त्रिज्या और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ के बीच समानता

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त्रिज्या और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख त्रिज्या और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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