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त्रिंकोमली

सूची त्रिंकोमली

त्रिंकोमली जिला त्रिंकोमली (तमिल: திருகோணமலை / तिरुकोणमलै; सिंहल: තිරිකුණාමළය / तिरिकुणामळय) श्रीलंका के पूर्वी प्रान्त के त्रिंकोमली जिले का मुख्यालय तथा प्रमुख बन्दरगाह है। यह श्री लंका के पूर्वी तट पर जाफना से ११३ मील दक्षिण तथा बट्टिकलोवा से ६९ मील उत्तर में स्थित है। लगभग दो हजार वर्षों से यह तमिल भाषा और संस्कृति का केन्द्र रहा है। यह श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी किनारे पर स्थित नगर एवं बंदरगाह है। यह विश्व के प्राकृतिक बंदरगाहों में से एक है। इस बंदरगाह का महत्व नौसैनिक अड्डे के कारण है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा ६४.८इंच तथा औसत वार्षिक ताप २७ डिग्री सेल्सियस रहता है। यहाँ से पश्चिम में टैबालागाम के अनूपों (lagoons) में मुक्ताशुक्ति मिलती हैं। बंदरगाह से चावल एवं बिसातबाने की वस्तुओं का आयात तथा धान, तंबाकू, इमारती लकड़ी, सूखी मछली और हरिण के सींग एवं चमड़े का निर्यात होता है। ट्रिंकोमाली तमिल लोगों द्वारा स्थापित श्रीलंका में प्रथम नगर है। श्रेणी:श्रीलंका.

8 संबंधों: चावल, तमिल, तमिल भाषा, बट्टिकलोवा, श्रीलंका, सिंहली भाषा, जाफना, अनूप झील

चावल

मिश्रित चावल: सफेद चावल, भूरा चावल, लाल चावल और जंगली चावल चावल विभिन्न आकार, रंग, रूप में आते हैं। धान से लेकर सफेद चावल बनाने की प्रक्रिया धान के बीज को चावल कहते हैं। यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज है। भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पक्वान्न बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है। इसे संस्कृत में 'तण्डुल' कहा जाता है और तमिल में 'अरिसि' कहा जाता है। इसे कभी-कभार 'षड्रस' भी कहा जाता है, क्योंकि में स्वाद के छहों प्रमुख रस मौजूद हैं। सांस्कृतिक हिंदी में पके हुए चावल को भात कहा जाता है, किन्तु अधिकतर हिन्दी भाषी 'भात' शब्द का प्रयोग कम ही करते हैं। चावल की फ़सल को धान कहते हैं। बासमती चावल भारत का प्रसिद्ध चावल जो विदेशों को निर्यात भी किया जाता है। .

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तमिल

एक तमिल परिवार श्रीलंका में तमिल बच्चे भरतनाट्यम तमिल एक मानमूल है, जिनका मुख्य निवास भारत के तमिलनाडु तथा उत्तरी श्री लंका में है। तमिल समुदाय से जुड़ी चीजों को भी तमिल कहते हैं जैसे, तमिल तथा तमिलनाडु के वासियों को भी तमिल कहा जाता है। तामिल, द्रविड़ जाति की ही एक शाखा है। बहुत से विद्वानों की राय है कि 'तामिल' शब्द संस्कृत 'द्राविड' से निकला है। मनुसंहिता, महाभारत आदि प्राचीन ग्रंथों में द्रविड देश और द्रविड जाति का उल्लेख है। मागधी प्राकृत या पाली में इसी 'द्राविड' शब्द का रूप 'दामिलो' हो गया। तामिल वर्णमाला में त, ष, द आदि के एक ही उच्चारण के कारण 'दामिलो' का 'तामिलो' या 'तामिल' हो गया। शंकराचार्य के शारीरक भाष्य में 'द्रमिल' शब्द आया है। हुएनसांग नामक चीनी यात्री ने भी द्रविड देश को 'चि—मो—लो' करके लिखा है। तमिल व्याकरण के अनुसार द्रमिल शब्द का रूप 'तिरमिड़' होता है। आजकल कुछ विद्वानों की राय हो रही है कि यह 'तिरमिड़' शब्द ही प्राचीन है जिससे संस्कृतवालों ने 'द्रविड' शब्द बना लिया। जैनों के 'शत्रुंजय माहात्म्य' नामक एक ग्रंथ में 'द्रविड' शब्द पर एक विलक्षण कल्पना की गई है। उक्त पुस्तक के मत से आदि तीर्थकर ऋषभदेव को 'द्रविड' नामक एक पुत्र जिस भूभाग में हुआ, उसका नाम 'द्रविड' पड़ गया। पर भारत, मनुसंहिता आदि प्राचीन ग्रंथों से विदित होता है कि द्रविड जाति के निवास के ही कारण देश का नाम द्रविड पड़ा। तामिल जाति अत्यंत प्राचीन हे। पुरातत्वविदों का मत है कि यह जाति अनार्य है और आर्यों के आगमन से पूर्व ही भारत के अनेक भागों में निवास करती थी। रामचंद्र ने दक्षिण में जाकर जिन लोगों की सहायता से लंका पर चढ़ाई की थी और जिन्हें वाल्मीकि ने बंदर लिखा है, वे इसी जाति के थे। उनके काले वर्ण, भिन्न आकृति तथा विकट भाषा आदि के कारण ही आर्यों ने उन्हें बंदर कहा होगा। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि तामिल जाति आर्यों के संसर्ग के पूर्व ही बहुत कुछ सभ्यता प्राप्त कर चुकी थी। तामिल लोगों के राजा होते थे जो किले बनाकर रहते थे। वे हजार तक गिन लेते थे। वे नाव, छोटे मोटे जहाज, धनुष, बाण, तलवार इत्यादि बना लेते थे और एक प्रकार का कपड़ा बुनना भी जानते थे। राँगे, सीसे और जस्ते को छोड़ और सब धातुओं का ज्ञान भी उन्हें था। आर्यों के संसर्ग के उपरांत उन्होंने आर्यों की सभ्यता पूर्ण रूप से ग्रहण की। दक्षिण देश में ऐसी जनश्रुति है कि अगस्त्य ऋषि ने दक्षिण में जाकर वहाँ के निवासियों को बहुत सी विद्याएँ सिखाई। बारह-तेरह सौ वर्ष पहले दक्षिण में जैन धर्म का बड़ा प्रचार था। चीनी यात्री हुएनसांग जिस समय दक्षिण में गया था, उसने वहाँ दिगंबर जैनों की प्रधानता देखी थी। तमिल भाषा का साहित्य भी अत्यंत प्राचीन है। दो हजार वर्ष पूर्व तक के काव्य तामिल भाषा में विद्यमान हैं। पर वर्णमाला नागरी लिपि की तुलना में अपूर्ण है। अनुनासिक पंचम वर्ण को छोड़ व्यंजन के एक एक वर्ग का उच्चारण एक ही सा है। क, ख, ग, घ, चारों का उच्चारण एक ही है। व्यंजनों के इस अभाव के कारण जो संस्कृत शब्द प्रयुक्त होते हैं, वे विकृत्त हो जाते हैं; जैसे, 'कृष्ण' शब्द तामिल में 'किट्टिनन' हो जाता है। तामिल भाषा का प्रधान ग्रंथ कवि तिरुवल्लुवर रचित कुराल काव्य है। .

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तमिल भाषा

तमिल (தமிழ், उच्चारण:तमिऴ्) एक भाषा है जो मुख्यतः तमिलनाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिलनाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। .

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बट्टिकलोवा

300px बट्टिकलोवा का घण्टा घर बट्टिकलोवा (तमिल: மட்டக்களப்பு, Maṭṭakkaḷappu, मट्टक्कळप्पु; सिंहल: මඩකලපුව, मडकलपुव) श्री लंका के पूर्वी प्रान्त का प्रधान नगर है। यह बट्टिकलोवा जिले की राजधानी है। इसी नगर में श्रीलंका का पूर्वी विश्वविद्यालय है। बट्टिकलोवा एक वाणिज्यिक शहर है। यह श्रीलंका के पूर्वी तट पर त्रिंकोमाली से १११ किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह एक द्वीप पर बदा है। श्रेणी:श्रीलंका.

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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सिंहली भाषा

सिंहली भाषा श्रीलंका में बोली जाने वाली सबसे बड़ी भाषा है। सिंहली के बाद श्रीलंका में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा तमिल है। प्राय: ऐसा नहीं होता कि किसी देश का जो नाम हो, वही उस दश में बसने वाली जाति का भी हो और वही नाम उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा का भी हो। सिंहल द्वीप की यह विशेषता है कि उसमें बसने वाली जाति भी "सिंहल" कहलाती चली आई है और उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा भी "सिंहल"। .

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जाफना

जाफना (तमिल: யாழ்ப்பாணம் Yalpanam, सिंहल: යාපනය Yāpanaya) श्री लंका के उत्तरी प्रान्त राजधानी है। यह जाफना जिले का मुख्यालय भी है। इसकी जनसंख्या 88,138 है तथा यह श्री लंका का वारहवाँ सबसे बड़ा नगर है। श्रेणी:श्रीलंका.

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अनूप झील

एक अनूप झील नदियों के मुहाने पर समुद्र की धाराएँ या पवनें बालू मिट्टी के टीले बनाकर जल के क्षेत्र को समुद्र से अलग कर देती हैं, इन्हें अनूप कहते हैं। भारत के पूर्वी तट पर उड़ीसा की चिल्का और नेल्लोर की पुलीकट झीलें, गोदावरी और कृष्णा नदी के डेल्टाओं में कोलेरू झील (आन्ध्र प्रदेश) इसी प्रकार वनी हैं। भारत के पश्चिमी तट पर केरल राज्य में भी असंख्य अनूप या कयाल पाये जाते हैं। श्रेणी:झीलें श्रेणी:जलसमूह श्रेणी:भूगोल शब्दावली * श्रेणी:समुद्र-वैज्ञानिक पारिभाषिकी.

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