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तौन्गयी

सूची तौन्गयी

तौन्गयी (बर्मी: တောင်ကြီးမြို့, शान: ဝဵင်းတွင်ႇၵျီး, अंग्रेज़ी: Taunggyi) बर्मा का एक शहर है और उस देश के शान राज्य की राजधानी है। यह १,४३६ मीटर (४,७१२ फ़ुट) की ऊँचाई पर शान पहाड़ियों में स्थित है। .

8 संबंधों: चीनी भाषा, ताई-कादाई भाषाएँ, बर्मी भाषा, म्यान्मार, शान पहाड़ियाँ, शान भाषा, शान राज्य, अंग्रेज़ी भाषा

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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ताई-कादाई भाषाएँ

ताई-कादाई भाषाओँ का फैलाव ताई-कादाई भाषाएँ (Tai-Kadai), जिन्हें दाई, कादाई और क्रा-दाई भी कहा जाता है, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण चीन और दक्षिण-पूर्वी एशिया में बोली जाने वाली सुरभेदी भाषाओँ का एक समूह है। इनमें थाई भाषा (थाईलैंड की राष्ट्रभाषा) और लाओ भाषा (लाओस की राष्ट्रभाषा) शामिल है। दुनिया भर में लगभग १० करोड़ लोग ताई-कादाई भाषाएँ बोलते हैं। ऍथनोलॉग भाषा-सूची के मुताबिक़ विश्व में ९२ ताई-कादाई भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें से ७६ इस भाषा-परिवार की काम-ताई (Kam-Tai) शाखा की सदस्य हैं। दक्षिण-पूर्वी चीन के गुइझोऊ और हाइनान प्रान्तों में इन भाषाओँ की सबसे ज़्यादा विविधता मिलती है, जिस से भाषावैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद वही इस भाषा-परिवार की गृह-भूमि है जहाँ से यह आसपास के अन्य इलाक़ों में फैली।, Anthony Van Nostrand Diller, Psychology Press, 2008, ISBN 978-0-7007-1457-5,...

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बर्मी भाषा

बर्मी भाषा बोलने वाले क्षेत्र बर्मी भाषा (बर्मी भाषा में: မြန်မာဘာသာ / म्रन्माभासा), स्वतंत्र देश म्यांमार (बर्मा) की राजभाषा है। यह मुख्य रूप से ब्रह्मदेश (बर्मा का संस्कृत नाम) में बोली जाती है। म्यांमार की सीमा से सटे भारतीय राज्यों असम, मणिपुर एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी कुछ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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शान पहाड़ियाँ

शान पहाड़ियाँ (बर्मी: ရှမ်းရိုးမ, थाई: ฉานโยมา, अंग्रेज़ी: Shan Hills) युन्नान, बर्मा व थाईलैण्ड में एक फैला हुआ पर्वतीय क्षेत्र है। यह ५६० किमी लम्बा और ३३० किमी चौड़ा इलाक़ा है। पश्चिम में यह जाकर हिमालय की निचली पहाड़ियों से मिल जाते हैं। .

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शान भाषा

शान भाषा (बर्मी: လိၵ်ႈတႆး) बर्मा के शान राज्य में रहने वाले शान समुदाय की भाषा है, हालाँकि इसे कुछ हद तक बर्मा के कचिन राज्य, उत्तरी थाईलैण्ड और (कम होती हुई संख्या में) भारत के असम राज्य में भी बोला जाता है। यह ताई-कादाई भाषा-परिवार की सदस्य है और एक सुरभेदी भाषा है। इसका थाई भाषा से सम्बन्ध है क्योंकि वह भी एक ताई-कादाई भाषा है। .

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शान राज्य

शान राज्य (बर्मी: ရှမ်းပြည်နယ်) बर्मा के पूर्व में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तर में कचिन राज्य और चीन का युन्नान प्रान्त, पूर्व में लाओस और दक्षिण में थाईलैण्ड स्थित है। शान राज्य बर्मा की सबसे बड़ी प्रशासनिक ईकाई है और इसमें देश का लगभग एक-चौथई क्षेत्रफल सम्मिलित है। इस राज्य का नाम यहाँ रहने वाले शान समुदाय पर पड़ा है। यह बर्मा का पूर्वी सीमांत प्रदेश है। इसकी राजधानी तौन्गयी (Taunggyi) है। इस प्रांत में ३,००० फुट औसत ऊँचाई वाले शान पठार हैं। यहाँ की मुख्य चट्टान नीस है। राज्य में कुछ जवाहरातों की खानें भी हैं। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा ४५ इंच से ५० इंच तक है। यहाँ धान, कपास, वोस्ते तथा तरकारियों की खेती होती है। रंगून एवं माण्डले रेल लाइन द्वारा लाशो आदि मुख्य केंद्रों तक पहुंचा जा सकता है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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