लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र के बीच अंतर

तैत्तिरीय संहिता vs. नक्षत्र

तैत्तिरीय संहिता में ७ काण्ड, ४४ प्रपाठक, तथा ६३१ अनुवाक हैं जिसका वर्ण्यविषय यज्ञीय कर्मकाण्ड (पौरोडास, याजमान, वाजपेय, राजसूय इत्यादि नाना यागानुष्ठान) का विशद वर्णन है। वेदों के एकमात्र सर्वातिशायी भाष्यकार सायण तैत्तिरीय शाखा के ही अनुयायी थे और उन्होने सर्वप्रथम तैत्तिरीय संहिता पर ही अपना वैदुष्यपूर्ण भाष्य लिखा। . आकाश में तारा-समूह को नक्षत्र कहते हैं। साधारणतः यह चन्द्रमा के पथ से जुड़े हैं, पर वास्तव में किसी भी तारा-समूह को नक्षत्र कहना उचित है। ऋग्वेद में एक स्थान पर सूर्य को भी नक्षत्र कहा गया है। अन्य नक्षत्रों में सप्तर्षि और अगस्त्य हैं। नक्षत्र सूची अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदांग ज्योतिष में मिलती है। भागवत पुराण के अनुसार ये नक्षत्रों की अधिष्ठात्री देवियाँ प्रचेतापुत्र दक्ष की पुत्रियाँ तथा चन्द्रमा की पत्नियाँ हैं। .

तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र के बीच समानता

तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र के बीच तुलना

तैत्तिरीय संहिता 8 संबंध है और नक्षत्र 50 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (8 + 50)।

संदर्भ

यह लेख तैत्तिरीय संहिता और नक्षत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »