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तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर के बीच अंतर

तीसरे गुट का युद्ध vs. नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर

ऑस्टरलिट्ज़ की लड़ाई में नेपोलियन बोनापार्ट उल्म संग्राम में हारने के बाद ऑस्ट्रियाई सेनाध्यक्ष नेपोलियन को आत्म-समर्पण करते हुए तीसरे गुट का युद्ध (अंग्रेजी: War of the Third Coalition, वॉर ऑफ़ द थ़र्ड कोअलिशन) सन् १८०३ से १८०६ तक चलने वाला एक संग्राम था जिसमें ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल, रूस और उनके कुछ अन्य साथी देशों के एक गुट को फ्रांस और उसके साथी देशों ने हरा दिया। इस युद्ध में फ्रांस की तरफ़ का नेतृत्व नेपोलियन बोनापार्ट ने किया। इस युद्ध का सिलसिला तब शुरू हुआ जब नेपोलियन ने इटली और जर्मनी में दख़लअंदाज़ी करनी शुरू करी और स्वयं को फ्रांस के साथ-साथ इटली का भी सम्राट घोषित कर दिया। उस समय फ्रांस और ब्रिटेन के बीच मुठभेड़ें जारी थीं। नेपोलियन की हरकतों से परेशान होकर ऑस्ट्रिया, रूस और ब्रिटेन आपस में मिल गए और "तीसरा गुट" नामक सम्मिलन बन गया। तीसरे गुट और फ़्रांसिसी गुट के दरम्यान यूरोप की भूमि पर कई जंगें हुईं, जिनमें नेपोलियन जीतता गया। इनमें १८०५ का उल्म संग्राम (Ulm Campaign) मशहूर है, जिसमें फ़्रांसिसी और बवारियाई (यानी जर्मनी के बवारिया प्रदेश की) मिलीजुली सेना ने ऑस्ट्रिया को मात दी। इसके बाद सन् १८०६ में ऑस्टरलिट्ज़ की लड़ाई (Battle of Austerlitz) में फ़्रांसिसी फ़ौजों ने रूसी-ऑस्ट्रियाई मिश्रित फ़ौज को भारी पराजय दी, जो तीसरे गुट से बर्दाश्त न हो पाई और यह गुट टूट गया। इसके बाद केवल ब्रिटेन ही नेपोलियन से लड़ता रह गया। नेपोलियन ने ब्रिटेन पर भी नौसैनिक आक्रमण करने की कोशिश करी थी लेकिन २१ अक्टूबर १८०५ में समुद्र पर लड़े गए ट्रफ़ैलगर के युद्ध में उसकी हार हुई। . नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य जीवन लगभग २० वर्षों का रहा। नेपोलियन युद्धों में वो फ्रांसीसी सेना के सेनापति रहे। विश्व के इतिहास में वो सैन्य प्रतिभावों और बहतरीन कमांडरों में से एक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने ६० युद्धों में भाग लिया जिसमें से केवल सात में हार का सामना किया जो उनके पतन के समय थे। वर्ष १८१२ में नेपोलियन द्वारा रूस पर आक्रमण के पश्चात फ़्रांसीसी प्रभुत्व का तेजी से पतन हो गया। वर्ष १८१४ मे नेपोलियन की हार हुई; वो लोट गये और अन्त में वर्ष १८१५ में वाटरलू के युद्ध में अन्तिम रूप से हार गये। उन्होंने अपना बाकी जीवन ब्रिटेन की हिरासत में सैंट हेलेना द्वीप पर बिताया। .

तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर के बीच समानता

तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

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तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर के बीच तुलना

तीसरे गुट का युद्ध 11 संबंध है और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.56% है = 1 / (11 + 7)।

संदर्भ

यह लेख तीसरे गुट का युद्ध और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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