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तर्कसंग्रह और प्रमाण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तर्कसंग्रह और प्रमाण के बीच अंतर

तर्कसंग्रह vs. प्रमाण

तर्कसंग्रह न्याय एवं वैशेषिक दोनो दर्शनों को समाहित करने वाला ग्रंथ है। इसके रचयिता अन्नंभट्ट हैं। इसके अध्ययन से न्याय एवं वैशेषिक के सभी मूल सिद्धान्तों का ज्ञान मिल जाता है। इस ग्रन्थ में 'पदार्थों' के विषय में जो कुछ है वह पूर्णत: वैशेषिक के अनुसार है जबकि 'प्रमाण' के विषय में जो कुछ है वह पूर्णत: न्याय के अनुसार है। अर्थात पदार्थों के लिये 'वैशेषिक मत' को स्वीकार किया गया है तथा प्रमाण के लिये 'न्याय मत' को। इस प्रकार इस ग्रन्थ के माध्यम से न्याय और वैशेषिक मत को एक में मिलाया गया है। अन्नंभट्ट ने बालकों को सुखपूर्वक न्यायपदार्थों का ज्ञान कराने के उद्देश्य से तर्कसंग्रह नामक अन्वर्थ लघुग्रंथ की रचना की तथा इसके अतिसंक्षिप्त अर्थ को स्पष्ट करने के अभिप्राय से स्वयं दीपिका नामक व्याख्या ग्रंथ की भी रचना की। इस ग्रन्थ का आरम्भ ही इसी बात पर बल देते हुए हुआ है कि इसमें विषय को बहुत सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है- . प्रमाण या सिद्धि (Proof) निम्नलिखित अर्थों में प्रयुक्त हो सकता है.

तर्कसंग्रह और प्रमाण के बीच समानता

तर्कसंग्रह और प्रमाण आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

तर्कसंग्रह और प्रमाण के बीच तुलना

तर्कसंग्रह 5 संबंध है और प्रमाण 2 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (5 + 2)।

संदर्भ

यह लेख तर्कसंग्रह और प्रमाण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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