तप और त्रिपुर
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तप और त्रिपुर के बीच अंतर
तप vs. त्रिपुर
जैन तपस्वी तपस् या तप का मूल अर्थ था प्रकाश अथवा प्रज्वलन जो सूर्य या अग्नि में स्पष्ट होता है। किंतु धीरे-धीरे उसका एक रूढ़ार्थ विकसित हो गया और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति अथवा आत्मिक और शारीरिक अनुशासन के लिए उठाए जानेवाले दैहिक कष्ट को तप कहा जाने लगा। . तारकासुर के तीनों पुत्रों - तारकाक्ष, कमलाक्ष तथा विद्युन्माली - ने घोर तप किया। ब्रह्मा ने उन्हें तीन अलग-अलग नगर बसाने का वरदान दिया। वरदान पाकर तीनों ने मय दानव से अपने लिये क्रम से सोने, चाँदी ओर लोहे के तीन नगर बनवाए। ये ही तीन नगर 'पुर' या 'त्रिपुर' कहलाए। ब्रह्मा ने यह भी कहा था कि सहस्रों वर्षों के बाद ये तीनों नगर एक में मिल जायँगे और तब जो एक बाण से ही तीनों पुरों को नष्ट कर सकेगा, वही तीनों भाइयों मो मार डालेगा। वरदान पाकर तीनों मनमाना अत्याचार करने लगे। अंत में सहस्रवर्ष बाद तीनों नगरों के मिलने पर देवताओं की प्रार्थना से प्रेरित शिव ने एक बाण से तीनों पुरों को नष्ट किया और तीनों राक्षसों को भी मार डाला। तभी से शिव 'त्रिपुरारि' कहलाए। श्रेणी:हिंदू मिथक.
तप और त्रिपुर के बीच समानता
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संदर्भ
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