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तंत्र साहित्य (भारतीय) और सौर सम्प्रदाय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तंत्र साहित्य (भारतीय) और सौर सम्प्रदाय के बीच अंतर

तंत्र साहित्य (भारतीय) vs. सौर सम्प्रदाय

तंत्र भारतीय उपमहाद्वीप की एक वैविधतापूर्ण एवं सम्पन्न आध्यात्मिक परिपाटी है। तंत्र के अन्तर्गत विविध प्रकार के विचार एवं क्रियाकलाप आ जाते हैं। तन्यते विस्तारयते ज्ञानं अनेन् इति तन्त्रम् - अर्थात ज्ञान को इसके द्वारा तानकर विस्तारित किया जाता है, यही तंत्र है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। समय के साथ यह परिपाटी अनेक परिवर्तनों से होकर गुजरी है और सम्प्रति अत्यन्त दकियानूसी विचारों से लेकर बहुत ही प्रगत विचारों का सम्मिश्रण है। तंत्र अपने विभिन्न रूपों में भारत, नेपाल, चीन, जापान, तिब्बत, कोरिया, कम्बोडिया, म्यांमार, इण्डोनेशिया और मंगोलिया में विद्यमान रहा है। भारतीय तंत्र साहित्य विशाल और वैचित्र्यमय साहित्य है। यह प्राचीन भी है तथा व्यापक भी। वैदिक वाङ्मय से भी किसी किसी अंश में इसकी विशालता अधिक है। चरणाव्यूह नामक ग्रंथ से वैदिक साहित्य का किंचित् परिचय मिलता है, परन्तु तन्त्र साहित्य की तुलना में उपलब्ध वैदिक साहित्य एक प्रकार से साधारण मालूम पड़ता है। तांत्रिक साहित्य का अति प्राचीन रूप लुप्त हो गया है। परन्तु उसके विस्तार का जो परिचय मिलता है उससे अनुमान किया जा सकता है कि प्राचीन काल में वैदिक साहित्य से भी इसकी विशालता अधिक थी और वैचित्र्य भी। संक्षेप में कहा जा सकता है कि परम अद्वैत विज्ञान का सूक्ष्मातिसूक्ष्म विश्लेषण और विवरण जैसा तंत्र ग्रंथों में है, वैसा किसी शास्त्र के ग्रंथों में नहीं है। साथ ही साथ यह भी सच है कि उच्चाटन, वशीकरण प्रभृति क्षुद्र विद्याओं का प्रयोग विषयक विवरण भी तंत्र में मिलता है। स्पष्टत: वर्तमान हिंदू समाज वेद-आश्रित होने पर भी व्यवहार-भूमि में विशेष रूप से तंत्र द्वारा ही नियंत्रित है। . सौर आर्थत सूर्य कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय सौर कहलाते हैं। यह सम्प्रदाय वैदिक काल से ही अस्त्तित्व में है । सनातन धर्म की वर्ण व्यवस्था में सूर्य की उपासना का उलेख मिलता है । ब्राह्मणों में संध्या कर्म में सूर्य की उपासना का ही वर्णन है । "सौर"सूर्य को ही ब्रह्म (संसार के जनक)के रूप में मानते है । वेदों में सूर्य की स्तुतियां है जिनमे मुख्य "चक्षुषो उपनिषद" है । श्रेणी:हिन्दू धर्म.

तंत्र साहित्य (भारतीय) और सौर सम्प्रदाय के बीच समानता

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