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डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा के बीच अंतर

डेविड ह्यूम vs. सामाजिक संविदा

डेविड ह्यूम (१७११-१७७६) आधुनिक काल के विश्वविख्यात दार्शनिक थे। वे स्काटलैंड (एडिनबरा) के निवासी थे। आपके मुख्य ग्रंथ हैं - 'मानव प्रज्ञा की एक परीक्षा' (An Enquiry Concerning Human Understanding) और 'नैतिक सिद्धांतों की एक परीक्षा' (An Enquiry Concerning the Principles of Morals) ह्यूम का दर्शन अनुभव की पृष्ठभूमि में परमोत्कृष्ट है। आपके अनुसार यह अनुभव (impression) और एकमात्र अनुभव ही है जो वास्तविक है। अनुभव के अतिरिक्त कोई भी ज्ञान सर्वोपरि नहीं है। बुद्धि से किसी भी ज्ञान का आविर्भाव नहीं होता। बुद्धि के सहारे मनुष्य अनुभव से प्राप्त विषयों का मिश्रण (संश्लेषण) एवं विच्छेदन (विश्लेषण) करता है। इस बुद्धि से नए ज्ञान की वृद्धि नहीं होती। . सामाजिक संविदा (Social contract) कहने से प्राय: दो अर्थों का बोध होता है। प्रथमत: सामाजिक संविदा-विशेष, जिसके अनुसार प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने संगठित समाज में प्रविष्ट होने के लिए आपस में संविदा या ठहराव किया, अत: यह राज्य की उत्पत्ति का सिद्धांत है। दूसररे को सरकारी-संविदा कह सकते हैं। इस संविदा या ठहराव का राज्य की उत्पत्ति से कोई संबंध नहीं वरन् राज्य के अस्तित्व की पूर्व कल्पना कर यह उन मान्यताओं का विवेचन करता है जिन पर उस राज्य का शासन प्रबंध चले। ऐतिहासिक विकास में संविदा के इन दोनों रूपों का तार्किक क्रम सामाजिक संविदा की चर्चा बाद में शुरू हुई। परंतु जब संविदा के आधार पर ही समस्त राजनीति शास्त्र का विवेचन प्रारंभ हुआ तब इन दोनों प्रकार की संविदाओं का प्रयोग किया जाने लगा - सामाजिक संविदा का राज्य की उत्पत्ति के लिए तथा सरकारी संविदा का उसकी सरकार को नियमित करने के लिए। .

डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा के बीच समानता

डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धर्म, रूसो

धर्म

धर्मचक्र (गुमेत संग्रहालय, पेरिस) धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है। धर्म कभी बदलता नहीं है। उदाहरण के लिए पानी, अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यन्त समान है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। (पालि: धम्म) भारतीय संस्कृति और दर्शन की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में कोई तुल्य शब्द पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। .

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रूसो

महान दार्शनिक '''रूसो''' जीन-जक्क़ुएस रूसो (1712 - 78) की गणना पश्चिम के युगप्रवर्तक विचारकों में है। किंतु अंतर्विरोध तथा विरोधाभासों से पूर्ण होने के कारण उसके दर्शन का स्वरूप विवादास्पद रहा है। अपने युग की उपज होते हुए भी उसने तत्कालीन मान्यताओं का विरोध किया, बद्धिवाद के युग में उसने बुद्धि की निंदा की (विश्वकोश के प्रणेताओं (Encyclopaedists) से उसका विरोध इस बात पर था) और सहज मानवीय भावनाओं को अत्यधिक महत्व दिया। सामाजिक प्रसंविदा (सोशल कंट्रैक्ट) की शब्दावली का अवलंबन करते हुए भी उसने इस सिद्धांत की अंतरात्मा में सर्वथा नवीन अर्थ का सन्निवेश किया। सामाजिक बंधन तथा राजनीतिक दासता की कटु आलोचना करते हुए भी उसने राज्य को नैतिकता के लिए अनिवार्य बताया। आर्थिक असमानता और व्यक्तिगत संपत्ति को अवांछनीय मानते हुए भी रूसो साम्यवादी नहीं था। घोर व्यक्तिवाद से प्रारंभ होकर उसे दर्शन की परिणति समष्टिवाद में होती है। स्वतंत्रता और जनतंत्र का पुजारी होते हुए भी वह राबेसपीयर जैसे निरंकुशतावादियों का आदर्श बन जाता है। .

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डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा के बीच तुलना

डेविड ह्यूम 27 संबंध है और सामाजिक संविदा 14 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.88% है = 2 / (27 + 14)।

संदर्भ

यह लेख डेविड ह्यूम और सामाजिक संविदा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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