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डिजरीडू

सूची डिजरीडू

डिजरीडू (didgeridoo) ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी समुदाय द्वारा विकसित एक वायुवाद्य (श्वास या वायु द्वारा ध्वनि उत्पन्न करने वाला संगीत वाद्य यंत्र) है। अनुमान लगाया जाता है कि इसका विकास उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में पिछले १५०० वर्षों में कभी हुआ था। वाद्य यंत्रों के होर्नबोस्तेल-साक्स वर्गीकरण में यह एक वायुवाद्य है। आधुनिक डिजरीडू 1 से 3 मीटर (3 से 10 फ़ुट) लम्बे होते हैं और बेलन या शंकु का आकार रखते हैं। .

8 संबंधों: बेलन (ज्यामिति), शंकु, संगीत, होर्नबोस्तेल-साक्स, वाद्य यन्त्र, वायुवाद्य, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी

बेलन (ज्यामिति)

बेलन (ज्यामिति) (Cylinder)ज्यामिति में एक त्रिआयामी ठोस की आकृति है। इसका पार्श्व पृष्ठ वक्र, सिरे समान त्रिज्या के वृत्ताकार होते हैं।:बेलन सरल रूप में एक रोलर या समान व्यास का गिलास है .

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शंकु

एक सामान्य लम्बवृत्तीय शंकु शंकु, एक त्रि-विमिय संरचना है, जो शीर्ष बिन्दु और एक आधार वृत्त को मिलाने वाली रेखाओं द्वारा निर्मित होती है। यह बेलन के १/३ भाग के बराबर होता है। .

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संगीत

नेपाल की नुक्कड़ संगीत-मण्डली द्वारा पारम्परिक संगीत सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे, संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य ये तीनों ही संगीत हैं। संगीत नाम इन तीनों के एक साथ व्यवहार से पड़ा है। गाना, बजाना और नाचना प्रायः इतने पुराने है जितना पुराना आदमी है। बजाने और बाजे की कला आदमी ने कुछ बाद में खोजी-सीखी हो, पर गाने और नाचने का आरंभ तो न केवल हज़ारों बल्कि लाखों वर्ष पहले उसने कर लिया होगा, इसमें संदेह नहीं। गान मानव के लिए प्राय: उतना ही स्वाभाविक है जितना भाषण। कब से मनुष्य ने गाना प्रारंभ किया, यह बतलाना उतना ही कठिन है जितना कि कब से उसने बोलना प्रारंभ किया। परंतु बहुत काल बीत जाने के बाद उसके गान ने व्यवस्थित रूप धारण किया। जब स्वर और लय व्यवस्थित रूप धारण करते हैं तब एक कला का प्रादुर्भाव होता है और इस कला को संगीत, म्यूजिक या मौसीकी कहते हैं। .

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होर्नबोस्तेल-साक्स

होर्नबोस्तेल-साक्स (Hornbostel–Sachs) संगीत वाद्य यंत्रों को वर्गीकृत करने की एक प्रणाली है। इसका संगठन एरिख़ मोरित्ज़ फ़ोन होर्नबोस्तेल और कर्ट साक्स ने किया था और इसका प्रथम प्रकाशन सन् १९१४ में "ज़ाइट्श्रिफ़्ट फ़्युएर एत्नोलोजी" (Zeitschrift für Ethnologie) में हुआ था। .

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वाद्य यन्त्र

एक वाद्य यंत्र का निर्माण या प्रयोग, संगीत की ध्वनि निकालने के प्रयोजन के लिए होता है। सिद्धांत रूप से, कोई भी वस्तु जो ध्वनि पैदा करती है, वाद्य यंत्र कही जा सकती है। वाद्ययंत्र का इतिहास, मानव संस्कृति की शुरुआत से प्रारंभ होता है। वाद्ययंत्र का शैक्षणिक अध्ययन, अंग्रेज़ी में ओर्गेनोलोजी कहलाता है। केवल वाद्य यंत्र के उपयोग से की गई संगीत रचना वाद्य संगीत कहलाती है। संगीत वाद्य के रूप में एक विवादित यंत्र की तिथि और उत्पत्ति 67,000 साल पुरानी मानी जाती है; कलाकृतियां जिन्हें सामान्यतः प्रारंभिक बांसुरी माना जाता है करीब 37,000 साल पुरानी हैं। हालांकि, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि वाद्य यंत्र के आविष्कार का एक विशिष्ट समय निर्धारित कर पाना, परिभाषा के व्यक्तिपरक होने के कारण असंभव है। वाद्ययंत्र, दुनिया के कई आबादी वाले क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से विकसित हुए.

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वायुवाद्य

वायुवाद्य या सुषिर वाद्य (wind instrument) संगीत में ऐसा वाद्य यंत्र होता है जो एक या एक से अधिक अनुनादक (रेज़ोनेटर) में उपस्थित वायु में कम्पन पैदा करने से धवनि उत्पन्न करे। इसमें आमतौर में एक मुहनाल बनी होती है जिस से बजाने वाला मुँह लगाकर श्वास द्वारा वाद्य को बजाता है। शहनाई, बाँसुरी, इत्यादि वायुवाद्यों की श्रेणी में आते हैं। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी

ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी (Aboriginal Australians) ऑस्ट्रेलिया की मुख्यभूमि और तस्मानिया द्वीप के मूल निवासी हैं। वे कई शाखाओं में संगठित हैं और इनकी अपनी कई मूल भाषाएँ हैं। ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशी क़ब्ज़े से पहले वे ऑस्ट्रेलिया में बहुसंख्यक थे। १९७० के दशक तक ऑस्ट्रेलिया की सरकार उनकी सांकृतिक विरासत को नष्ट करने का प्रयास करती रही जिसके अंतर्गत उनके बच्चों को अक्सर माता-पिता से अलग कर के यूरोपीय-शैली की पाठशालाओं में बंदी रखा जाता था। १३ फ़रवरी २००८ में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने औपचारिक रूप से इस समुदाय से क्षमा मांगी। ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी संगीत व कला शैलियाँ अब विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। .

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