ट्रान्सड्यूसर और स्थितिज ऊर्जा
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
ट्रान्सड्यूसर और स्थितिज ऊर्जा के बीच अंतर
ट्रान्सड्यूसर vs. स्थितिज ऊर्जा
मापन में ट्रांसड्यूसर (transducer) उन युक्तियों (devices) को कहते हैं जो एक प्रकार की उर्जा को दूसरे प्रकार की उर्जा में बदलती हैं; अथवा एक प्रकार की भौतिक राशि के संगत दूसरे प्रकार की भौतिक राशि प्रदान करते हैं। इनका उपयोग विभिन्न भौतिक राशियों को मापना, उन्हे प्रदर्शित करना (display) या उनको स्वतः नियंत्रित (automatic control) करना होता है। परिवर्तक विद्युतीय, एलेक्ट्रानिक, विद्युत-यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, प्रकाशीय (फोटॉनिक) या प्रकाश-विद्युतीय आदि होते हैं। उदाहरण के लिये एक दाब परिवर्तक किसी स्थान पर मौजूद दाब के अनुसार एक विद्युत-विभव प्रदान कर सकता है। इलेक्ट्रानिक संचार प्रणाली में ट्रांसड्यूसर का का प्रयोग विभिन्न प्रकार के भौतिक संकेतों को विद्युत संकेत में बदलने के लिये, या विद्युत संकेतों को विभिन्न प्रकार के भौतिक संकेतों में बदलने के लिये, किया जाता है। उदाहरण के लिये इस चित्र में दो ट्रांसड्यूसर प्रयुक्त हुए हैं - (१) '''माइक्रोफोन''': जो ध्वनि संकेतों को विद्युत संकेत में बदलता है तथा (२) '''स्पीकर''' - जो विद्युत संकेतों को ध्वनि संकेत में बदल देता है। . रोलर कोस्टर में जब गाड़ी सबसे ऊँचाई पर रहती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा भी सर्वाधिक होती है तथा जब वो सबसे नीचे आती है तो उसमें गतिज ऊर्जा सर्वाधिक होती है। अर्थात स्थितिज ऊर्जा .
ट्रान्सड्यूसर और स्थितिज ऊर्जा के बीच समानता
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संदर्भ
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