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ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान के बीच अंतर

ट्राइलोबाइट vs. भूवैज्ञानिक समय-मान

ट्राइलोबाइट (Trilobite) विलुप्त प्राणियों की एक श्रेणी है जो समुद्री सन्धिपाद (arthropod, अर्थोपोडा) थे। वे सबसे पहले कैंब्रियन कल्प के शुरुआती काल में आज से ५२.१ करोड़ वर्ष पहले उत्पन्न हुए और भी पुराजीवी महाकल्प (पैलिओज़ोइक) काल में फैले और विविध हुए। उसके बाद उनकी जातियों की धीरे-धीरे विलुप्ति होने लगी और डिवोनी कल्प (Devonian) में उनके प्रोटिड (Proetida) गण (order) को छोड़कर बाकी सभी प्रकार के ट्राइलोबाइट विलुप्त हो गये। फिर आज से लगभग २५ करोड़ वर्ष पूर्व की पर्मियन-ट्राइऐसिक विलुप्ति घटना में सभी ट्राइलोबाइट हमेशा के लिये विलुप्त हो गये। अपने अस्तित्व के काल में वे बहुत ही सफल प्राणी थे और २७ करोड़ सालों तक वे विश्व के सागरों-महासागरों में फैलते-फिरते रहे। ट्राइलोबाइटों का पुराजीव कल्प के प्रथम महायुग कैंब्रियन में साम्राज्य था। इस युग में इनकी संख्या इतनी अधिक थी कि यह साधारणतया 'ट्राइलोबाइटा का युग' कहलाता है। ये साधारणतया दो से तीन इंच तक लंबे होते थे, किंतु कुछ दो फुट से भी अधिक बड़े थे। यह अनुमान किया जाता है कि ये ऐरैक्जिडा (Arachnida) और क्रस्टेशिया (Crustacea) के पूर्वज थे। इनका शरीर दो भागों में विभाजित था: शीशवक्ष (प्रोसामा, Prosoma) और उदर (ऑपिस्थोसोमा, opisthosoma)। शीशवक्ष में पाँच खंड होते हैं, जिनकी पृष्ठियों का समेकन हो जाता है इस प्रकार एक ढालाकार अंग (केरापेस, carapace) सा बन जाता है। इसी पर संयुक्त नेत्र भी रहते है, मुख इसी के नीचे की ओर लगभग मध्य में होता है। मुख के अगले सिरे की और लेब्रम (labrum) और पिछले सिरे पर लेबियम (labium) होता है। मुख के आगे की ओर एक जोड़ी लंबी अनेक खंडवाली श्रंगिका होती है। मुख के पीछे की ओर चार जोड़ी अवयव होते हैं, जिनके निकटतम खंड कॉक्सा (coxa) कहलाते हैं जो जबड़ों का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक अवयव का शेष भाग दो शाखाओं में विभाजित रहता है- एक एंडॉपोडाइट (endopodite) कहलाता है और रेंगने का कार्य करता है तथा दूसरा एक्सोपोडाइट (exopodite), जिसपर ब्रैकियल फिलामेंट (branchial filaments) लगे होते हैं और श्वसन का कार्य करते हैं। उदरखंड़ों की संख्या में अनेक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। प्रारंभिक ट्राइलोबाइटा में इनकी संख्या बहुत थी। ये खंड एक पंक्ति में क्रम से जुड़े रहते हैं। उदर के प्रत्येक खंड में, अंतिम खंड के अतिरिक्त, एक जोड़ी अवयव होता है। इनका आकार तथा कार्य शीशवक्ष के अवयवों जैसा ही होता है। उदर का अंतिम खंड टेलसन (telson) कहलाता है। इसी पर गुदा होती है और कभी एक पश्चगुदा काँटा भी होता है। प्रारंभिक ट्राइलोबाइटाओं के पश्चात् जिन ट्राइलोबाइटाओं का विकास हुआ, उनमें शरीरखंडों की संख्या केवल १८ या १९ ही थी, पश्च भाग के कुछ खंडों में अवयव भी नहीं थे तथा इन अवयवों के आकारों और कार्यों में भी कुछ अंतर आ गया था। शीशवक्ष के अवयवों ने बहुत कुछ श्वसन कार्य करना बंद कर दिया था, किंतु ये चलने, लटकने और भोजन को मुख में ले जाने के लिये अधिक उपयुक्त बन गए थे। उदर के अवयवों ने अपना श्वसन तथा चलन कार्य यथावत् रखा था। . यह घड़ी भूवैज्ञानिक काल के प्रमुख ईकाइयों के के साथ-साथ पृथ्वी के जन्म से लेकर आज तक की प्रमुख घटनाओं को भी दिखा रही है। भूवैज्ञानिक समय-मान (geologic time scale) कालानुक्रमिक मापन की एक प्रणाली है जो स्तरिकी (stratigraphy) को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी (stratigraphic table) है। भूवैज्ञानिक, जीवाश्मवैज्ञानिक तथा पृथ्वी का अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक इसका प्रयोग धरती के सम्पूर्ण इतिहास में हुई सभी घटनाओं का समय अनुमान करने के लिये करते हैं। जिस प्रकार चट्टानो के अधिक पुराने स्तर नीचे होते हैं तथा अपेक्षाकृत नये स्तर उपर होते हैं, उसी प्रकार इस सारणी में पुराने काल और घटनाएँ नीचे हैं जबकि नवीन घटनाएँ उपर (पहले) दी गई हैं। विकिरणमितीय प्रमाणों (radiomeric evidence) से पता चलता है पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 अरब वर्ष है। .

ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान के बीच समानता

ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डिवोनी कल्प, पुराजीवी महाकल्प, कैंब्रियन कल्प

डिवोनी कल्प

मत्स्य काल या 'डिवोनी कल्प' (Devonian) भूवैज्ञानिक काल है जो पुराजीवी महाकल्प (Paleozoic Era) के सिल्युरी युग के अन्त से आरम्भ होकर (लगभग 416.0 ± 2.8 Mya (million years ago)) कार्बनी कल्प के आरम्भ तक (लगभग 359.2 ± 2.5 Mya) फैला हुआ है। इस कल्प का नाम इंग्लैण्ड के डेवन प्रदेश के नाम पर पड़ा है जहाँ सबसे पहले इस काल के शैलों का अध्ययन किया गया था। मत्स्य वर्ग का विकास इस युग में विशेष रूप से हुआ और इसी के आधार पर इस युग को 'मत्स्य युग' भी कहते हैं। .

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पुराजीवी महाकल्प

पुराजीवी अथवा पुराजीवी महाकल्प दृश्यजीवी महाकाल के तीन भूविज्ञान कल्पों (युगों) में से प्रथम को कहा जाता है। इसका लगभग समय ५४१ से २५२.२ मिलियन वर्ष पूर्व माना जाता है। यह दृश्यजीवी महाकालों में से सबसे लम्बा माना जाता है जिसे छः भूविज्ञान कल्पों: कैम्बियन, अवर प्रवालादि, सिल्यूरियन, डिवोनी, कार्बनी और पर्मियन में विभाजित किया जाता है। .

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कैंब्रियन कल्प

कैम्ब्रियन कल्प या 'कैंब्रियन' (Cambrian) पुराजीवी महाकल्प का प्रथम भूवैज्ञानिक कल्प है। इसका विस्तार 541.0 ± 1.0 से 485.4 ± 1.9 मिलियन वर्ष पूर्व (Ma) तक है। इसके पश्चात ऑर्डोविशी युग (Ordovician) आया। श्रेणी:भौमिकी.

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ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान के बीच तुलना

ट्राइलोबाइट 7 संबंध है और भूवैज्ञानिक समय-मान 42 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 6.12% है = 3 / (7 + 42)।

संदर्भ

यह लेख ट्राइलोबाइट और भूवैज्ञानिक समय-मान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: